भोपाल। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक विश्व कप जीत ने प्रदेश की बेटियों में जोश और उत्साह का संचार किया है। अब वे दोगुने जोश और मेहनत से क्रिकेट प्रशिक्षण में लगी हैं। खेल के प्रति उनका जुनून इस कदर है कि भोपाल के विभिन्न अकादमियों और क्लबों में वे कड़ी मेहनत कर रही हैं। अभ्यास का वक्त भी बढ़ा दिया है।
भोपाल की सौम्या तिवारी ने पहले ही अंडर-19 विश्व कप जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया, और अब भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिए छतरपुर की बेटी क्रांति गौड़ को आदर्श मानकर प्रदेश की अन्य बेटियां भी ट्रेनिंग में जुटी हैं। उनका सपना है कि भारतीय टीम हर बार विश्व कप जीते और भारतीय क्रिकेट की शान बढ़े।
श्रेया दीक्षित : भोपाल की श्रेया ने 13 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। पहले वे जूनियर एथलीट थीं और 100 और 200 मीटर में नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक जीत चुकी हैं। जब उन्हें लड़कियों को क्रिकेट खेलते देखा, तो उनका मन भी बदल गया। अब वे अंडर-23 टीम की सदस्य हैं और अरेरा क्रिकेट अकादमी में कोच सुरेश चेनानी से प्रशिक्षण ले रही हैं। उनका लक्ष्य भारतीय टीम में जगह बनाना है।
राहिला फिरदौस : भोपाल की राहिला फिरदौस ने गली क्रिकेट से शुरुआत की थी और आज मप्र टीम की कप्तान हैं। उनके नेतृत्व में मप्र ने नेशनल प्रतियोगिता में जीत दर्ज की थी। विकेटकीपर और बैट्समैन के रूप में राहिला ने 70 से अधिक खिलाड़ियों को स्टंपिंग और कैच के जरिए पवेलियन भेजा है। वे अंडर-19, अंडर-23, और चैलेंजर वनडे खेल चुकी हैं और अब इंडिया ‘सी’ टीम का हिस्सा हैं।
निकिता सिंह : सीधी के चुरहट की निकिता सिंह ने 14 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। वह मयंक चतुर्वेदी क्रिकेट अकादमी भोपाल में ट्रेनिंग ले रही हैं और एक तेज गेंदबाज और ऑलराउंडर हैं। निकिता 100 से अधिक मैच खेल चुकी हैं और मप्र टीम की कप्तान और सेंट्रल जोन की उपकप्तान हैं। अब उनका सपना भारतीय टीम में खेलने का है।
नैनी राजपूत : भोपाल की नैनी राजपूत ने 13 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। वह पहले एथलेटिक्स थीं, लेकिन फिर क्रिकेट के मैदान में उतर आईं। बतौर विकेटकीपर और बैट्समैन नैनी ने 16 स्टंपिंग और कैच के जरिए कई बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा है। नैनी ने स्कूल, स्टेट, नेशनल, और चैलेंजर ट्रॉफी में हिस्सा लिया है और फिलहाल मप्र अंडर-19 टीम से खेल रही हैं।
ये सभी बेटियां भारतीय टीम का हिस्सा बनने की दिशा में अपने संघर्ष को आगे बढ़ा रही हैं और उनकी मेहनत से प्रदेश का नाम रोशन हो रहा है।
सन्दर्भ स्रोत : पत्रिका समाचार पत्र



Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *