उत्तरा सिंह की फिल्म 'पिन्च' न्यूयॉर्क

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उत्तरा सिंह की फिल्म 'पिन्च' न्यूयॉर्क
के ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में शामिल

छाया : दैनिक भास्कर 

इंदौर की उत्तरा सिंह ने शहर और देश का नाम रोशन किया है। उनकी नई फ़िल्म 'पिन्च' को न्यूयॉर्क के ट्रिबेका फ़िल्म फेस्टिवल के इंटरनेशनल नरेटिव कॉम्पिटिशन में जगह मिली है। इस फेस्टिवल में दुनियाभर से 14 हज़ार प्रविष्टियां आई थीं, उनमें से केवल 150  फ़िल्मों को ही चुना गया। 'पिन्च' उनमें से एक है। इस  फ़िल्म का ट्रेलर हाल ही में कान्स फिल्म फेस्टिवल में लॉन्च हुआ था। न्यूयॉर्क के मैनहट्टन के एएमसी थिएटर में होने वाले इस फ़िल्म के वर्ल्ड प्रीमियर के लिए सभी सीट्स आरक्षित हो चुकी हैं। न्यूयार्क टाइम्स द्वारा इसे फेवरेट 5 फ़िल्मों और वर्थ वाचिंग फ़िल्म्स में कवर करने के कारण पहले ही बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। दुनियाभर के नामी फ़िल्म आलोचकों ने भी इसे अच्छी प्रतिक्रिया दी है। 

उत्तरा ने बताया कि 'पिंच' 83 मिनट की है और इसकी शूटिंग इंदौर और उसके आसपास के गांवों में की गई। खास बात यह है कि शूटिंग के दौरान उन गांवों के लोग भी  फ़िल्म में शामिल हुए। उत्तरा बताती हैं, “जब वो लोग तेज धूप में शूटिंग करते थे, मैं चिंता करती थी, लेकिन वो कहते थे - तुम अपनी  फ़िल्म बनाओ, हम तुम्हारे साथ हैं।” उन्होंने आगे बताया कि अगर उनके गांव वालों का साथ न होता तो शायद ये  फ़िल्म बन ही नहीं पाती। 'पिन्च' में 'लापता लेडीज' फेम गीता अग्रवाल शर्मा, सुनीता राजवर, सपना सैंड और बद्री चव्हाण जैसे कलाकार शामिल हैं। फ़िल्म का संगीत राशि कुलकर्णी ने दिया है। इसके सह लेखक एडम लिंजे हैं और कलरिस्ट हैं नताशा लियोनेट, जो 'लाला लैंड' और 'स्पाइडरमैन' जैसी बड़ी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। यह फ़िल्म दिवंगत अभिनेता नितीश पांडे की आखिरी फिल्म है।

'पिन्च' की कहानी 'मैत्री' नाम की एक ट्रैवल ब्लॉगर पर आधारित है, जिसका किरदार खुद उत्तरा ने निभाया है। एक दिन नवरात्रि के मौके पर जब वो अपनी मां और मोहल्ले की महिलाओं के साथ मंदिर जाती है, तब कुछ ऐसा होता है जिसकी वो कल्पना भी नहीं कर सकती।  फ़िल्म में यौन हमले जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है। उत्तरा कहती हैं, “ यौन हमला सिर्फ महिलाओं का या भारत का मुद्दा नहीं है। दुनिया भर की 68% महिलाएं इसका शिकार होती हैं। लेकिन यह सिर्फ जेंडर का नहीं, बल्कि पावर का सवाल है। इसका असर पुरुषों पर भी होता है।” उन्होंने बताया कि इस गंभीर विषय को उन्होंने डार्क कॉमेडी के अंदाज़ में दिखाया है।

उत्तरा सिंह दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सिनेमैटिक आर्ट्स में प्रोफेसर हैं। उनकी पिछली शॉर्ट फिल्म 'फैनी पैक' 80 फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई गई और 25 अवॉर्ड जीत चुकी है। इसके अलावा 2017 में उन्हें दादासाहेब फाल्के शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल अवॉर्ड भी मिल चुका है। उत्तरा ने बताया कि 'पिन्च' के लिए हमें जर्मनी के म्यूनिख अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से भी आमंत्रण मिला है। यहां आप आवेदन या सिफारिश नहीं कर सकते, बल्कि निर्णायक मण्डल खुद फिल्म चुनकर आमंत्रण भेजता है, इसलिए यह हमारे बहुत गर्व का विषय है। भारत में इस फिल्म को लेकर हम गोवा फिल्मोत्सव के जरिए आयेंगे। 

सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर 

सम्पादन : मीडियाटिक डेस्क 

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