छाया : न्यूज़ 18
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस में इन दिनों एक महिला युवा अधिकारी का नाम काफी सुर्खियों में है, नाम है दिव्या झरिया। वह दो बार लोक सेवा आयोग परीक्षा पास कर चुकी हैं और इन दिनों पुलिस कमिश्नरी में अपना प्रशिक्षु समय थाना प्रभारी खजूरी सड़क के रूप में पूरा कर रही हैं।
हाल ही में जिस तरीके से उन्होंने मॉडल की संदिग्ध मौत की गुत्थी को सुलझाया और पूरे घटनाक्रम को उजागर किया। बाद में मृतक के स्वजनों के बयानों के बाद आरोपी पर केस दर्ज कर उसे जेल भेजकर चर्चा बटोरी है। मध्य प्रदेश पीएससी में चयन होना उनके लिए सपना साकार होने जैसा है। इसमें उनके पति मप्र पुलिस के ही डीएसपी आदित्य तिवारी का सहयोग रहा। दोनों ने न सिर्फ एक साथ जिंदगी का हाथ थामा, बल्कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी एक-दूसरे का साथ दिया।
मूल रूप से मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की रहने वाली दिव्या झरिया स्कूल टाइम से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार थीं। 12वीं के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर उन्हें एक अच्छी कंपनी में नौकरी मिल गई। लेकिन उनका दिल कहीं और था। फिर उन्होंने कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर सरकारी नौकरी की तैयारी का कठिन रास्ता चुना। इंजीनियरिंग के बाद उनका यह सफर आसान नहीं था। पहले प्रयास में मिली असफलता और रिजल्ट पर लगी रोक के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और डटी रहीं।
इंजीनियरिंग से सिविल सेवा तक का सफर
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद जब दिव्या ने सरकारी सेवा में जाने का फैसला किया तो यह उनके लिए एक बड़ा बदलाव था। तैयारी को सही दिशा देने के लिए वह इंदौर आ गईं, जिसे सिविल सेवा की तैयारी का केंद्र माना जाता है। उन्होंने सबसे पहले मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस समझा और उसे पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया।
असफलताओं से बनी मजबूत
साल 2018 में दिव्या ने पहली बार MPPSC की परीक्षा दी। उसमें वह प्रीलिम्स में सफल भी हो गईं लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था और वह किसी कारण से पीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई। यह उनकी पहली ठोकर थी। 2019 में उन्होंने फिर से तैयारी की और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस, दोनों में कमाल का प्रदर्शन किया। दुर्भाग्य से सरकारी परीक्षा परिणाम पर रोक लग गई, जिससे उनकी मेहनत का फल तुरंत नहीं मिल सका, लेकिन इस देरी ने उनकी उम्मीद नहीं छोड़ी, बल्कि उन्हें खुद को और मजबूत बनाने का मौका दिया।
साथी का साथ, DSP बनने तक की उड़ान
दिव्या की कहानी का सबसे खूबसूरत हिस्सा, उनके साथी आदित्य तिवारी (जो खुद भी DSP हैं) का साथ है। तैयारी के दौरान आदित्य ने एक मेंटॉर की भूमिका निभाई। उन्होंने दिव्या के लिए टाइम टेबल बनाने में मदद की और हर मुश्किल मोड़ पर उन्हें प्रोत्साहित किया। इन दोनों की दोस्ती स्कूल के दिनों से जारी थी। इसी मजबूत नींव के चलते 2020 में दिव्या की मेहनत रंग लाई और उनका चयन कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर हुआ। फिर जब MPPSC 2019 का रुका हुआ परिणाम आया तो दिव्या का नाम DSP लिस्ट में था।
संदर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट



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