इंदौर की भूमि अग्रवाल ने साउथ अफ्रीका में आयोजित मॉडर्न पेंटाथलॉन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए चार पदक अपने नाम किए। एक ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में चार पदक जीतने वाली वह मध्यप्रदेश की एकमात्र खिलाड़ी बन गई हैं। भूमि ने पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने व्यक्तिगत बायथल में स्वर्ण, ट्राइथल में रजत, जबकि बायथल मिक्स्ड रिले और ट्राइथल मिक्स्ड रिले में कांस्य पदक जीते। ये पदक इसलिए भी खास हैं क्योंकि पेंटाथलॉन अन्य खेलों की तुलना में अधिक कठिन और तकनीकी माना जाता है।
बायथल और ट्रायथल इवेंट क्यों हैं चुनौतीपूर्ण
बायथल इवेंट में पहले 800 मीटर दौड़, फिर 100 मीटर तैराकी और इसके बाद दोबारा 800 मीटर दौड़ पूरी करनी होती है। वहीं ट्रायथल में स्विमिंग, साइक्लिंग और रनिंग शामिल होती है। शिशुकुंज स्विमिंग एकेडमी की भूमि ने इंदौर में हुई नेशनल बायथल प्रतियोगिता में स्वर्ण और रजत पदक जीते थे, जिसके आधार पर उनका चयन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हुआ।
चार पदकों के साथ भारत का पहला गोल्ड
इस चैंपियनशिप में इससे पहले भारत को वर्ष 2013 में कांस्य पदक मिला था। इस बार भारत का पहला स्वर्ण पदक भूमि ने दिलाया और एक साथ चार पदक जीतकर इतिहास रचा। प्रतियोगिता में 29 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था, जिसमें भूमि ने अंडर-21 वर्ग में हिस्सा लिया।
रेत में दौड़ और खुले पानी में तैराकी बनी चुनौती
भूमि के अनुसार मुकाबले बेहद कठिन थे, क्योंकि रेत में दौड़ और ओपन वाटर स्विमिंग करनी पड़ती है। बारिश होने पर लहरें तेज हो जाती हैं, जिससे तैराकी मुश्किल हो जाती है। ऐसी स्थिति का सामना उन्हें भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेकर जीत हासिल की।
एशियन गेम्स लक्ष्य, परिवार और कोच का मिला साथ
भूमि अब एशियन गेम्स की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि परिवार के सहयोग से संभव हुई। एक समय वह हार मानने वाली थीं, लेकिन माता-पिता ने हौसला बढ़ाया। कोच आकाश, अंकित और वेदांत का भी विशेष सहयोग रहा।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट



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