ग्वालियर। जो कभी ओलंपियन कैप्टन रूप सिंह, शिवेंद्र सिंह, और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों हसरत कुरैशी तथा शिवाजी पवार जैसे दिग्गजों का शहर रहा है, आज फिर से हॉकी की दुनिया में चर्चा में है। इस बार वजह हैं शहर की बेटियां करिश्मा यादव, इशिका चौधरी और नेहा सिंह, जिन्होंने अपने जज़्बे और मेहनत से देश-विदेश में जीत का परचम लहराया है।
दर्पण मिनी स्टेडियम : लड़कियों का हॉकी गढ़
ग्वालियर का दर्पण मिनी स्टेडियम आज प्रदेश की बेटियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बन गया है। यहीं से करिश्मा, इशिका, नेहा और मौरज जैसी खिलाड़ी उभरी हैं, जो अपने सपनों को साकार करने की जिद में आगे बढ़ रही हैं। ग्वालियर का दर्पण हॉकी फीडर सेंटर इस सोच को साकार कर रहा है, जहां खेल के माध्यम से बेटियों को सम्मान और सशक्तिकरण दोनों मिल रहे हैं।
दर्पण हॉकी फीडर सेंटर की सफलता के पीछे हैं खेल विभाग के प्रशिक्षक
साल 2006 में विभाग की ओर से यहां हॉकी प्रशिक्षण की शुरुआत हुई, और तब से अविनाश भटनागर इस सेंटर के प्रभारी हैं। वर्तमान में 90 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें से 40 लड़कियां नियमित अभ्यास करती हैं। भटनागर बताते हैं कि सेंटर की 17 खिलाड़ी वर्तमान में ग्वालियर स्थित मप्र राज्य महिला हॉकी अकादमी में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
इन उपलब्धियों ने न केवल ग्वालियर का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सही प्रशिक्षण और निरंतरता से बेटियां हर मुकाम हासिल कर सकती हैं। दर्पण हॉकी फीडर सेंटर प्रदेश के सबसे पुराने और श्रेष्ठ सेंटर्स में से एक है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली कई बेटियां आज इंडिया टीम का हिस्सा हैं। यह सेंटर पूरे प्रदेश के फीडर सेंटर्स में शीर्ष स्थान पर है।
सम्मानों से सजी उपलब्धियां
करिश्मा यादव: प्रदेश का सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम पुरस्कार (2019)
करिश्मा यादव और नेहा सिंह : संयुक्त रूप से एकलव्य पुरस्कार (2015)
इशिका चौधरी: एकलव्य पुरस्कार (2019)
सन्दर्भ स्रोत : अविनाश भटनागर



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