भोपाल। मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नुसरत मेहदी को उनके दीर्घकालीन उर्दू लेखन और उर्दू साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान ‘सफ़ीर-ए-उर्दू’ से नवाज़ा गया। यह सम्मान अबूधाबी स्थित भारतीय सांस्कृतिक संस्था ‘कल्चरल कारवाँ’ द्वारा गत 23 नवंबर को आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया।
इस अवसर पर डॉ. नुसरत मेहदी ने कहा कि यह सम्मान उर्दू साहित्य में मेरे व्यक्तिगत योगदान की स्वीकार्यता तो है ही, साथ ही भारत में उर्दू भाषा, साहित्य और उसकी तहज़ीब के संरक्षण की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना का प्रतीक भी है। इसके लिए सर्वप्रथम मध्य प्रदेश शासन और उसके बाद मेरे सभी शुभचिंतकों, सहकर्मियों, मित्रों, और साहित्य-समुदाय का दिल से शुक्रिया, जिनके विश्वास और जिनकी दुआओं और सहयोग ने मुझे हर क़दम पर हौसला दिया।
बता दें कि डॉ. मेहदी की अब तक 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें गद्य और पद्य दोनों विधाओं का सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है। वे व्यक्तिगत रूप से और अपने अनेक दायित्वों के तहत अन्य भाषाओं के साथ विशेष रूप से उर्दू भाषा के संवर्धन और उत्थान के लिए निरंतर सक्रिय और समर्पित हैं।
डॉ. नुसरत मेहदी अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय उर्दू कॉन्फ़्रेंसेज़, किताब मेलों, सेमिनारों, मुशायरों, कार्यशालाओं और विविध साहित्यिक विमर्शों में न केवल भोपाल का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को महत्वपूर्ण पहचान दिला चुकी हैं। वे कई साहित्यिक संगठनों और संस्थाओं के सलाहकार मंडल की सदस्य रही हैं और आज भी विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। डॉ. नुसरत मेहदी को यह सम्मान प्राप्त होने पर साहित्यिक जगत में प्रसन्नता व्यक्त की है।
सन्दर्भ स्रोत एवं छाया : डॉ. नुसरत मेहदी के फेसबुक अकाउंट से



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