कहा – पति का यह व्यवहार वैवाहिक जीवन में दरार डालने के लिए पर्याप्त
सुप्रीम कोर्ट का यह स्पष्टीकरण सुनिश्चित करता है कि तलाक के मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन हो।
कहा - परिवार, समुदाय या जाति की सहमति आवश्यक नहीं
सास-ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला खारिज करते हुए इस तरह की बढ़ती प्रवृत्ति पर जताई चिंता
पटना हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि तलाकशुदा हिन्दू पिता को अविवाहित बेटी की शिक्षा और शादी का खर्च देना कानूनी जिम्मेदारी है
महिलाओं की निजता पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त