सिविल सेवा परीक्षा में मप्र की युवतियों ने लहराया परचम,

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सिविल सेवा परीक्षा में मप्र की युवतियों ने लहराया परचम,
ग्वालियर की आयुषी बंसल ने 7वीं रैंक हासिल की

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा जारी सिविल सर्विस परीक्षा 2024 के अंतिम परिणाम में मप्र. के 45 से ज्यादा युवाओं का चयन हुआ। इसमें मप्र की युवतियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर लिया।  ग्वालियर की आयुषी बंसल ने ऑल इंडिया स्तर पर 7वीं और बालाघाट की फरखंदा ने 67वीं रैंक हासिल की 249वीं रैंक हासिल करने वाली दिव्यांशी अग्रवाल ने महज एक साल की तैयारी में यह सफलता हासिल की है वहीं, जबलपुर की शिवानी तिवारी को 294वीं को रैंक मिली।

आयुषी बंसल : ग्वालियर की आयुषी बंसल ने तीसरी बार यूपीएससी  में चयनित होकर इतिहास रच दिया है आयुषी ने UPSC CSE 2024 में AIR-7 हासिल कर टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है आयुषी ने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया, जहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की इसके बाद उन्होंने दो नामी कंपनियों में नौकरी की, लेकिन मन नहीं लगने के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की अपने पहले प्रयास में UPSC CSE 2022 में उन्होंने 188वीं रैंक हासिल की, जिसके साथ उनका चयन आईपीएस  के लिए हुआ इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 97वीं रैंक प्राप्त की, लेकिन आईएएस  बनने का उनका सपना अधूरा रहा तीसरे प्रयास में उन्होंने AIR-7 हासिल कर अपने इस  सपने को पूरा किया वर्तमान में आयुषी आईपीएस अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण ले रही हैं

फरखंदा कुरैशी : बालाघाट की फरखंदा ने 67वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने 10वीं सीबीएसई की परीक्षा में सीजीपीए ग्रेड और 12 वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक के साथ टॉप किया था। वर्तमान में फरखंदा भूगर्भशास्त्र में एमए कर रही हैं। खास बात यह है कि मात्र 6 महीने की कोचिंग और ऑनलाइन स्टडी से उन्होंने यह सफलता, चौथे प्रयास में हासिल की है। उनके पिता अब्दुल मलिक कुरैशी अधिवक्ता हैं। आठवीं की पढ़ाई के दौरान जिले के लोकल न्यूज चैनल में पहली बार बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर की कार्यप्रणाली को देखने के बाद उन्होंने आईएएस बनने का निश्चय किया

दिव्यांशी अग्रवाल : 249 वी रैंक हासिल करने वाली भितरवार की दिव्यांशी अग्रवाल ने बिना कोचिंग लिए एक साल की तैयारी में यह सफलता हासिल की है। वे बताती हैं “पापा कभी-कभी कहते थे कि काश मेरा कोई बच्चा आईएएस या आईपीएस होता। तभी मैंने सोच लिया था कि मुझे आईएएस बनना है। दिव्यांशी के पिता नरेंद्र कुमार अग्रवाल की किराने की दुकान है। मां रश्मि अग्रवाल गृहिणी हैं।

शिवानी तिवारी : जबलपुर के विजय नगर थाने में पदस्थ पुलिस कॉन्स्टेबल सतीश तिवारी की बेटी शिवानी तिवारी ने 294वीं रैंक हासिल की है। शिवानी ने स्कूली शिक्षा सेन्ट एलायसिस स्कूल से और स्नातक की पढ़ाई माता गुजरी कॉलेज से की। इसके बाद बिना कोचिंग खुद से पढ़ाई कर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी करते हुए सफलता पाई।

कृतिका नौगरेया :  शिवपुरी जिले के करैरा की रहने वाली कृतिका नौगरेया ने 400वीं रैंक हासिल की है। उनका ये तीसरा प्रयास था। वे 2021 से दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहीं थी। सफलता का श्रेय कृतिका ने मां-पिता और भाई को दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कभी हार नहीं मानने दी। टीचर्स और दोस्तों ने भी हर कदम पर साथ दिया। कृति के पिता व्यापारी हैं और मां समाज सेविका हैं। 

खुशी कनेरिया : इंदौर की रहने वाली खुशी कनेरिया की ऑल इंडिया रैंक- 453 है। खुशी के पिता राकेश कनेरिया धार के खनिज अधिकारी हैं। इससे पहले खुशी ने यूपीएससी परीक्षा में 986वीं रैंक हासिल की थी। खुशी के दादा मध्यप्रदेश में अपर पुलिस अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। परिवार में शिक्षा का माहौल पहले से रहा है। खुशी ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता को देते हुए बताया कि माता पिता द्वारा बचपन से ही शिक्षा के क्षेत्र में सही सलाह उनके काम आई। 

आयुषी मालवीय : नर्मदापुरम की आयुषी मालवीय ने अपने चौथे प्रयास में 597वीं रैंक हासिल की है। वह ISRO अहमदाबाद में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर हैं। उन्होंने चंद्रयान-2, जीआई सेट, ओशन सेट-3, हाईसिस और अब शुक्रयान मिशन में काम किया है। वह रोजाना सुबह 4 से 8 बजे तक और ऑफिस के बाद समय निकालकर पढ़ाई करती थीं। आयुषी का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। अगस्त 2018 में मां शारदा मालवीय का निधन हो गया। मां के निधन के बाद दिसंबर 2018 में एक सड़क हादसे में पिता राकेश मालवीय गंभीर रूप से घायल होने के बाद आज भी बिस्तर पर हैं। इसके बाद वे पिता और दादी को अपने साथ अहमदाबाद ले गईं। आयुषी ने एसपीएम के केंद्रीय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उनका चयन साल 2013 में तिरुवनंतपुरम में इसरो के कॉलेज में चयन हुआ। यहां से पढ़ाई करने के बाद उन्हें साल 2017 में अहमदाबाद में नौकरी मिली। 

रूपल जायसवाल : खंडवा की रूपल जायसवाल को 512 वीं रैंक मिली है। रूपल इंजीनियर धनंजय जायसवाल की बेटी हैं। रूपल ने मुंबई के 22 लाख का पैकेज छोड़कर तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लीरूपल ने किसी कोचिंग या इंस्टीट्यूट का सहारा लिए बिना परीक्षा की तैयारी घर पर रहकर ही की बहुत सारे मॉक टेस्ट हल किएस्टैंडर्ड बुक्स का सहारा लिया और टॉपर्स की कॉपी देखकर भी बहुत कुछ सीखा

देवांगी मीणा : गुना जिले के कुंभराज इलाके की देवांगी मीणा ने 764 वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता, लीलाधर मीणा, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। देवांगी की शुरुआती पढ़ाई देहली पब्लिक स्कूल एनएफएल विजयपुर में हुई। उसके बाद उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई की।

गार्गी : इंदौर की गार्गी (23) ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। गार्गी को 939वीं रैंक मिली है। गार्गी CAT 2024 की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं। आईआईएम में भी चयन हो चुका है। उन्हें अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता में से किसी एक को चुनने का मौका मिला था। इसके बाद भी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नहीं छोड़ी।

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

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