पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : झूठे तथ्यों के सहारे दर्ज

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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : झूठे तथ्यों के सहारे दर्ज
करवाई गई एफआईआर कानून का दुरुपयोग

चंडीगढ़ स्थित पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सास-ससुर के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाने वाली महिला को कड़ी फटकार लगाई है। हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली एक बहू ने अपने दिव्यांग सास-ससुर के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया था। हाईकोर्ट ने महिला पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने इस राशि को दिव्यांग आरोपियों में आधी-आधी बांटने का आदेश दिया है। महिला ने केस दर्ज करवाया था कि ससुर ने उसे छड़ी से दौड़कर पीटा। वहीं, उसकी सास ने बाल नोंचे और उसे घसीटा। हैरानी की बात है कि आरोपी ससुर बिना बैसाखी के चल भी नहीं सकता।

वहीं, ,ऐसा नहीं होना चाहिए। मामला रोहतक जिले के एक गांव का है। दिव्यांग पति-पत्नी के खिलाफ महिला ने थाने में शिकायत दी थी। जिसमें मारपीट करने के आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों के खिलाफ पति-पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में दंपती ने बताया था कि बेटे की शादी उन्होंने 17 जुलाई 2016 को की थी। शादी के कुछ दिन बाद ही बहू अपने मायके लौट गई। 5 अगस्त को बेटा उसे मनाकर वापस ले आया था। लेकिन बाद में दोनों 20 अगस्त को घर छोड़कर चले गए थे।

हाईकोर्ट ने महिला को लगाई कड़ी फटकार

8 मई 2017 को उनकी बहू ने मारपीट, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवा दिया। जिसके बाद दंपती ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बहू ने सिर्फ पैसे हड़पने के लिए ये आरोप लगाए थे। दंपती ने हाईकोर्ट में कहा कि सिर्फ 14-15 दिन ही बहू उनके साथ रही। वे लोग दिव्यांग हैं और इसका सबूत भी हाईकोर्ट में दे चुके हैं। वे कैसे मारपीट कर सकते हैं?  हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ दंपती को परेशान करने के लिए ही एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। वास्तव में उनका कोई लेना-देना नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कानून का दुरुपयोग है। बहू को एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।

संदर्भ स्रोत : अमर उजाला

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