इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक महिला की अपील खारिज कर दी है। यह अपील उनके तलाक के खिलाफ थी। कोर्ट ने कहा कि दूसरे पुरुषों के साथ महिला की अश्लील बातचीत उनके पति के लिए मानसिक प्रताड़ना है। इस आधार पर तलाक देना सही है। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने यह फैसला सुनाया। यह मामला दिसंबर 2018 में हुई शादी से जुड़ा है। पति एक बैंक मैनेजर है और उन्हें सुनने में थोड़ी दिक्कत है।
सास के साथ करती है बुरा बर्ताव
पत्नी पर आरोप है कि वो अपने पति की मां के साथ बुरा बर्ताव करती थी और उन्हें 'बहरे की मां' कहती थी। डेढ़ महीने में ही पत्नी घर छोड़कर चली गई और वापस नहीं आई। पति ने पत्नी पर अपने पुराने प्रेमियों के साथ अश्लील WhatsApp चैट करने का भी आरोप लगाया। इन चैट में उनके पुराने शारीरिक संबंधों की भी बातचीत थी। पति का यह भी कहना है कि पत्नी ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी थी।
पुलिस को दिए अश्लील चैट के सबूत
पति ने सबूत के तौर पर WhatsApp चैट, पुलिस शिकायत और पत्नी के पिता का लिखा हुआ बयान पेश किया। पिता ने माना था कि बेटी के व्यवहार से परिवार की बदनामी हुई है। फैमिली कोर्ट ने सबूतों को देखते हुए पति के पक्ष में फैसला सुनाया और 24 जून 2023 को मानसिक प्रताड़ना के आधार पर तलाक दे दिया।
पत्नी ने आरोपों से किया इनकार
पत्नी ने सभी आरोपों से इनकार किया। उसने कहा कि पति ने उसके मोबाइल से चैट लेकर उसकी निजता का उल्लंघन किया है। उसका कहना था कि पति ने उसका फोन हैक किया और झूठे सबूत बनाए। उसने पति पर घरेलू हिंसा और 25 लाख रुपये दहेज मांगने का आरोप भी लगाया। हालांकि, जिरह के दौरान उसने माना कि उसने 2 सितंबर 2020 को नीलगंगा पुलिस स्टेशन में माफीनामा दिया था। उसके पिता, जो एक वरिष्ठ वकील हैं, ने अपने पहले वाले बयान से इनकार नहीं किया। इस बयान में उन्होंने पुष्टि की थी कि उनकी बेटी अक्सर पुरुष दोस्तों के साथ चैट करती है।
शादी के बाद दूसरे के साथ अश्लील चैट की उम्मीद नहीं
कोर्ट ने कहा कि पति या पत्नी से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे शादी के बाद पुरुष या महिला मित्रों के साथ अश्लील या अभद्र बातचीत करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपत्ति के बाद भी ऐसा व्यवहार जारी रखना मानसिक प्रताड़ना है। इससे तलाक मिल सकता है। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी ने सबूतों के जरिए यह साबित कर दिया है कि अपीलकर्ता ने उस पर मानसिक प्रताड़ना की है।
तलाक को मिली मंजूरी
कोर्ट ने कहा कि अपील खारिज करने योग्य है। अपीलकर्ता फैमिली कोर्ट के फैसले में कोई गलती नहीं बता पाई है। इस प्रकार, कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और पत्नी की अपील खारिज कर दी। तलाक का फैसला कायम रहा। जजों ने कहा कि कोई भी पति बर्दाश्त नहीं करेगा कि उसकी पत्नी मोबाइल पर इस तरह की अश्लील चैटिंग करे। शादी के बाद पति-पत्नी दोनों को मोबाइल, चैटिंग और अन्य माध्यमों से दोस्तों के साथ बातचीत करने की आज़ादी है। लेकिन बातचीत का स्तर सभ्य और सम्मानजनक होना चाहिए। खासकर जब यह विपरीत लिंग के साथ हो। अगर आपत्ति के बावजूद पति या पत्नी ऐसी गतिविधि जारी रखते हैं, तो यह निश्चित रूप से मानसिक प्रताड़ना का कारण बनता है।
इस मामले में, पत्नी के पिता के बयान और उसके द्वारा पुलिस में दिए गए माफीनामे ने पति के दावों को मजबूत किया। इससे साफ है कि पत्नी का व्यवहार पति के लिए मानसिक रूप से परेशान करने वाला था। हाई कोर्ट ने निजता के उल्लंघन के दावे को भी खारिज कर दिया।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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