गुजरात में पिता की तरफ से एनओसी नहीं मिलने के बाद भी दो नाबालिगों के पासपोर्ट रिन्यू हो सकेंगे। गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी किया है। दरअसल, पासपोर्ट कार्यालय ने बगैर एनओसी के दस्तावेज रिन्यू करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद नाबालिगों की तलाकशुदा मां ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
जानकारी के अनुसार वडोदरा की रहने वाली महिला की बड़ी बेटी को अमेरिका में होने वाले एक टेस्ट में शामिल होना था। यह टेस्ट आगे की पढ़ाई के लिए बेहद जरूरी है। अब क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी ने 12 अगस्त को कहा था कि नाबालिगों के पासपोर्ट रिन्यूअल में उनके पिता की सहमति जरूरी है।
महिला ने अदालत को बताया था कि मार्च 2022 में उनका तलाक हो चुका है और बच्चे उनके साथ रहते हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी दी थी कि अलग हो चुके पति ने बच्चों से जुड़ी कानूनी औपचारिकताओं में मदद करने का वादा किया था। खबर है कि इस समय बच्चों के पासपोर्ट रिन्यू करने के लिए पति की तरफ से एनओसी हासिल करना संभव नहीं है और पासपोर्ट नहीं मिलने की स्थिति में बेटी का नुकसान हो सकता है।
केंद्र सरकार की तरफ से भी इस याचिका पर आपत्ति नहीं ली गई थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस एलएस पीरजादा ने पासपोर्ट रूल्स 1980 के शेड्यूल 2 के सेक्शन 4 (3) का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अगर पैरेंट्स अलग हो गए हैं, लेकिन औपचारिक रूप से तलाक नहीं लिया गया है, तो किसी एक अभिभावक की सहमति की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में तलाक का आदेश जारी किया जा चुका है और MoU के तहत बच्चे मां की कस्टडी में है। हाईकोर्ट ने कहा, 'प्रतिवादी संख्या 1 (आरपीओ) को निर्देश दिए जाते हैं कि याचिकाकर्ता क्रमांक 3 की तरफ से सिंगर पैरेंट के तौर पर 11 जुलाई 2025 को दिए गए आवेदन पर विचार करें और जल्द से जल्द दोनों नाबालिग याचिकाकर्ताओं के पासपोर्ट रिन्यू करें। हो सके तो इस आदेश के जारी होने के एक सप्ताह के अंदर ऐसा करें।'
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट



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