सुप्रीम कोर्ट ने तलाक यानी डिवोर्स पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने गुजारा भत्ता और प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी को लेकर अहम व्यवस्था दी है। तलाकशुदा पत्नी के गुजारे भत्ते में महंगाई और पति की बढ़ती मंथली सैलरी को भी ध्यान में रखा। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा पत्नी को दिए जाने वाले 20,000 रुपये के गुजारे भत्ते को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। साथ ही हर 2 साल में गुजारा भत्ता में 5 फीसदी के बढ़ोतरी के नियम को भी जोड़ दिया। साथ ही पति के दूसरी शादी करने के बाद भी पहली पत्नी के बेटे को पिता की पैतृक संपत्ति में अधिकार होने की बात को स्वीकार किया गया है।
29 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पति को अपनी पूर्व पत्नी को हर महीने 50,000 रुपये परमानेंट एलिमनी देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस अमाउंट में हर दो साल में 5% की बढ़ोतरी होगी। यह फैसला उस समय आया जब पत्नी ने पहले से तय 20,000 रुपये के अमाउंट को नाकाफी बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्नी जो अब तक अविवाहित और स्वतंत्र रूप से रह रही हैं, उन्हें ऐसा भरण-पोषण मिलना चाहिए जो उनके वैवाहिक जीवन के स्तर को दर्शाता हो और उनके भविष्य को सुरक्षित रखे। कोर्ट ने यह भी माना कि पति की आमदनी में समय के साथ बढ़ोतरी हुई है और वह अधिक भरण-पोषण देने की स्थिति में है, इसलिए पहले तय की गई अमाउंट को बढ़ाया जाना जरूरी है।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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