जिन बेटियों को कचरे में फेंका, उनमें से एक अमेरिका में ओलिपिंक की तैयारी कर रही, दूसरी को मां कनाडा में डॉक्टर बनाना चाहती है

blog-img

जिन बेटियों को कचरे में फेंका, उनमें से एक अमेरिका में ओलिपिंक की तैयारी कर रही, दूसरी को मां कनाडा में डॉक्टर बनाना चाहती है

छाया : दैनिक भास्कर

असली माता-पिता ने बोझ समझकर तिरस्कार किया, गोद लेने वालों ने उनकी जिंदगी बदल दी 

• गिरिजाशंकर तिवारी 

विदिशा। 6 साल पहले जिन बेटियों को बोझ समझकर भूखे प्यासे मरने के लिए उनके माता-पिता ने कचरे के ढेर पर छोड़ दिया था, अब उनकी जिंदगी बदल गई है। विदिशा में मिली चार बेटियों को विदेशी दंपतियों ने अपनाया और अब वे अमेरिका, कनाडा और माल्टा में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। ऐसी बेटियों की कहानी जिन्हें अपनों ने छोड़ा तो दूसरों ने इन्हें गले लगा लिया।

सिरोंज में कचरे के ढेर में मिली थी दिन की सुमन

सिरोंज में 7 दिन की बच्ची को माता-पिता सड़क पर कचरे के ढेर पर छोड़ गए थे। बच्ची को पुलिस लेकर आई और विदिशा के शिशु गृह में छोड़ दिया गया। बच्ची के परिजन सामने नहीं आए। शिशु गृह में बच्ची को सुमन नाम दिया गया। अमेरिका के न्यूबर्ग में रहने वाले पेंटर मिंगुई और फायर ब्रिगेड में इंस्पेक्टर किली कैली विदिशा आए और उन्होंने सुमन को गोद ले लिया। नवंबर 2017 में वे सुमन को अमेरिकन अपने साथ ले गए थे। सुमन अब अभी से ओलंपिक की तैयारी कर रही है। साथ ही साथ पिता से पेंटिंग के गुर भी सीख रही है।

पठारी में 15 दिन की राधा को नाले में छोड़ गई थी मां

पठारी में 15 दिन की बच्ची को माता-पिता नाले के पास छोड़ गए थे। विदिशा जेल रोड स्थित शिशु गृह के प्रबंधक दीपक बैरागी ने बताया कि चाइल्ड लाइन के माध्यम से यह बच्ची हमारे पास 13 अक्टूबर 2017 को आई थी। कनाडा के टोरंटो में रहने वाली भारतीय मूल की अमृता दफ्तरी और कनाडा मूल के केविन हवर्ड ने राधा नाम की इस बच्ची को गोद लिया था। पिता केविन हवर्ड टोरंटो में वकील हैं और मां अमृता फार्मासिस्ट हैं। मां का सपना है कि राधा बड़ी होकर डॉक्टर बने, इसलिए अभी से उसकी तैयारी करा रहे हैं।

रेलवे स्टेशन पर मिली दो बहनें …. अब माल्टा में कर रहीं पढ़ाई

विदिशा के रेलवे स्टेशन पर 2015 में लावारिस मिली दो सगी बहनें अब यूरोप के माल्टा देश में रह रही हैं। माल्टा में लाइफ साइंस सेंटर के एचओडी इटिनी विला और फार्मासिस्ट मरियम जैमिन ने इन दोनों बहनों को गोद लिया है। एडोप्शन सेंटर के डायरेक्टर राम रघुवंशी ने बताया की दोनों बहनों को एक ही कपल ने नवम्बर 2017 में गोद लिया था. अब दोनों बहनें अंग्रेजी और माल्टी बोलती हैं। जब शिशु गृह में आईं थी तब नन्दिनी की उम्र 2 साल और पूजा की उम्र 3 साल थी। अब पूजा 10 साल की हो चुकी है और नन्दिनी 9 साल की है।

सन्दर्भ स्रोत – दैनिक भास्कर

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



नेशनल जूनियर चैंपियनशिप : मध्यप्रदेश
न्यूज़

नेशनल जूनियर चैंपियनशिप : मध्यप्रदेश , की सोनम परमार ने जीता स्वर्ण

सोनम ने यह जीत 17 मिनट 20.98 सेकंड के समय के साथ दर्ज की

ओलिंपिक मेडल डिजाइन प्रतियोगिता में
न्यूज़

ओलिंपिक मेडल डिजाइन प्रतियोगिता में , आकांक्षा का चयन, शीर्ष 50 में बनाई जगह

'ब्रांचिंग ड्रीम्स' यूथ ओलिंपिक गेम्स डैकर 2026 अफ्रीकी 'बाओबाब ट्री' से मिली डिजाइन की प्रेरणा

फेडरेशन कप में रजत पदक के साथ
न्यूज़

फेडरेशन कप में रजत पदक के साथ , दिव्या का राष्ट्रीय कैंप के लिए चयन

एनआइएस पटियाला में आयोजित होने वाले बाक्सिंग एशियन गेम्स में बिखेरेगी चमक

डॉ. प्रिया भावे चित्तावार ने पारस्परिक रोबोटिक सर्जरी में रचा इतिहास
न्यूज़

डॉ. प्रिया भावे चित्तावार ने पारस्परिक रोबोटिक सर्जरी में रचा इतिहास

डॉ. प्रिया ने इससे पहले भी इतिहास रचा था, जब उन्होंने भोपाल के मरीज की सर्जरी दिल्ली से बैठकर की थी।

राष्ट्रीय जिम्नास्टिक स्पर्धा :  इंदौर की मणिकर्णिका
न्यूज़

राष्ट्रीय जिम्नास्टिक स्पर्धा :  इंदौर की मणिकर्णिका , ने पहले प्रयास में ही जीता स्वर्ण

मणिकर्णिका ने जिम्नास्ट की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्टता दिखाई और 40 में से 37 अंक अर्जित कर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल
न्यूज़

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल , की आयुषी सिन्हा को किया सम्मानित

बता दें कि आयुषी पिछले सात वर्षों से राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ी हुई हैं और समाजसेवा एवं युवा नेतृत्व के क्षेत्र में स...