राजस्थान हाईकोर्ट:  एकल माता के आधार

blog-img

राजस्थान हाईकोर्ट:  एकल माता के आधार
पर सेवा से वंचित करना गलत

 

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला अभ्यर्थी के स्कूल व्याख्याता भर्ती-2022 में नियुक्ति होने के बाद उसे एकल माता होने के कारण सेवा में आगे बने रहने से वंचित करने को गलत माना है। अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, टोंक डीईओ और स्कूल प्रिंसिपल से जवाब मांगा है। इसके साथ ही अदालत ने महिला अभ्यर्थी को सेवा में बनाए रखने को कहा है।

जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता डॉ. गुंजन शर्मा ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता ने हिंदी विषय के लिए आयोजित स्कूल व्याख्याता भर्ती-2022 में भाग लेकर मेरिट में स्थान प्राप्त किया था। इस आधार पर आरपीएससी ने उसकी नियुक्ति की सिफारिश करने हुए सफल अभ्यर्थी के तौर पर विभाग में नाम भेज दिया। वहीं स्कूल निदेशालय ने उसे टोंक के छान में स्कूल आवंटित कर दी। इस पर याचिकाकर्ता ने गत तीस जनवरी को कार्य भी ग्रहण कर लिया। इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने अगले दिन उसे कार्य करने से रोक दिया और निदेशालय से राय मांगी की महिला तलाकशुदा वर्ग में चयनित हुई है और तलाक के बाद उसके संतान हुई है। ऐसे में उसे सेवा में बनाए रखना चाहिए या नहीं? याचिकाकर्ता की ओर से इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा गया कि वह राजस्थान शिक्षक सेवा नियम और राजस्थान सेवा नियम के तहत नियुक्ति के लिए पूरी पात्रता रखती है। वह मेरिट से चयनित होकर आई है और उसकी संतान के जन्म प्रमाण पत्र में पिता का नाम नहीं होने के कारण उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। हर नारी को मां बनने का अधिकार है, फिर चाहे वह एकल मां ही क्यों ना हो। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को सेवा में बनाए रखने को कहा है।

संदर्भ स्रोत : तरुण मित्र

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता से शादी
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता से शादी , करने पर बलात्कार का आरोप किया रद्द

कहा- आरोपी से पीड़िता ने रचाई शादी, अब बच्चे के साथ जी रहे खुशहाल जीवन.अपराध सिद्ध होने की कम संभावना

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : अविवाहित बेटी को पिता
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : अविवाहित बेटी को पिता , से गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार

कोर्ट ने कहा- बेटी की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता पिता

सुप्रीम कोर्ट : तलाक दिया तो लौटना होगा सारा दहेज
अदालती फैसले

सुप्रीम कोर्ट : तलाक दिया तो लौटना होगा सारा दहेज

तलाक से जुड़े केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

केरल हाईकोर्ट : पत्नी की बेवफाई के कारण पति
अदालती फैसले

केरल हाईकोर्ट : पत्नी की बेवफाई के कारण पति , को गुजारा भत्ता देने से मिल सकती है छूट

कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य, संभावनाओं की अधिकता के आधार पर, 'व्यभिचार में रहने' के तथ्य को स्थापित कर...

राजस्थान हाईकोर्ट : पेंशन पर दो पत्नियों का
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : पेंशन पर दो पत्नियों का , दावा, नॉमिनी होने से कोई वारिस नहीं बनता

कोर्ट ने माना कि विवाह की वैधता और 'असली पत्नी' कौन है। यह तय करना हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके लिए गवाह...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : लिव-इन
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : लिव-इन , रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े को सुरक्षा का अधिकार

महिला पहले से शादीशुदा थी और उसका एक बच्चा भी है, जबकि पुरुष अविवाहित है। दोनों ने बताया कि वे अपनी मर्जी से साथ रह रहे...