दिल्ली हाईकोर्ट : घरेलू विवाद में हमेशा पति को आरोपी मानना उचित नहीं

blog-img

दिल्ली हाईकोर्ट : घरेलू विवाद में हमेशा पति को आरोपी मानना उचित नहीं

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि घरेलू विवाद के हर मामले में पति व उसका परिवार प्रताड़ित करने वाला हो, यह मानना उचित नहीं है। पति के पक्ष को भी कानूनी स्तर पर सुनना जरूरी है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति के हक में फैसला सुनाते हुए की। इस व्यक्ति ने 9 साल पत्नी द्वारा उस पर और उसके परिवार पर लगे आरोपों को झूठा साबित करने में लगा दिए।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार की सार्वजनिक तौर पर उसकी पत्नी द्वारा बेइज्जती की गई। लेकिन विडंबना रही कि उल्टा उसी पर कानूनी कार्रवाई की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उच्च न्यायालय ने 9 साल पहले हुई इस व्यक्ति की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए याचिकाकर्ता को उस समय जेल भेजने के आदेश को रद्द कर दिया।

पीठ ने कहा है कि पारिवारिक विवाद के मामलों में एक चलन बन गया है कि सिर्फ पत्नी का पक्ष सुना जाता है। पति को बगैर सुने अक्सर कई ऐसी घटनाओं का जिम्मेदार मान लिया जाता है, जो उसने या उसके परिवार ने की ही नहीं होती। इस मामले में भी यही हुआ। कोर्ट ने कहा, विवाद खड़ा किया पत्नी व उसके परिवार ने और जेल जाना पड़ा बेगुनाह पति को। लिहाजा पीठ उस समय दर्ज मामले को खारिज करती है। साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी को गैरकानूनी ठहराती है।

साल 2016 में शुरू हुआ विवाद

पत्नी और उसके परिवार द्वारा गलत आरोपों में फंसाने व थाने में उसके साथ हुई बदसलूकी के खिलाफ इंसाफ पाने के लिए वादी पति ने 9 साल कानूनी जंग लड़ी। 15 अप्रैल 2016 को वादी की पत्नी ने मायकेवालों के साथ पहले घर में हंगामा किया और फिर पुलिस बुलाकर पति को गिरफ्तार करा दिया। साथ ही ससुरालवालों पर प्रताड़ना के आरोप भी लगाए। पीड़ित के साथ थाने में मारपीट कर धमकी दी गई।

पुलिसवालों पर केस दर्ज 

हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि थाने में वादी के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले ही मारपीट, बंधक बनाने और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। विभागीय जांच भी चल रही है। पीठ ने इस कदम को सही माना। 

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : POCSO एक्ट में समझौता मान्य नहीं
अदालती फैसले

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : POCSO एक्ट में समझौता मान्य नहीं

कोर्ट ने कहा नाबालिगों से यौन शोषण के मामलों में समझौता स्वीकार्य नहीं, दुष्कर्म का मामला रद्द करने से इनकार

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट   : तलाक के बाद पत्नी का दर्जा खत्म, पति की संपत्ति पर नहीं किया जा सकता दावा
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट   : तलाक के बाद पत्नी का दर्जा खत्म, पति की संपत्ति पर नहीं किया जा सकता दावा

पत्नी ने मकान पर किया था कब्जा; सिविल-कोर्ट के आदेश के खिलाफ लगाई याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  : बेटी को भरण-
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  : बेटी को भरण- , पोषण देना पिता की नैतिक जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि, कॉन्स्टेबल अपनी पिता की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता और उसे अपनी बेटी को भ...

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : तलाक के सात माह बाद
अदालती फैसले

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : तलाक के सात माह बाद , दहेज उत्पीड़न का केस, क़ानून का दुरूपयोग

कोर्ट ने कहा -पति-पत्नी के बीच का विवाद आपसी सहमति से सुलझ चुका था और तलाक भी हो गया था, इसलिए अब पति के खिलाफ आपराधिक क...