ऐसे मामले में पहले मां प्राकृतिक अभिभावक है, पिता का दावा मां के बाद ही आता है।
कोर्ट ने कहा- आवेदिका के पास ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं, जिससे यह साबित हो सके कि वह उसकी वैध विवाहित पत्नी है।
कोर्ट ने कहा - पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए पति बाध्य है, भले ही उसकी कोई कमाई न हो।
सिविल अस्पताल पालपुर के दोषी डॉक्टर्स पर हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख हर्जाना
कहा- महिला के लिए बुजुर्ग सास की सेवा करना अनिवार्य, यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा; अलग रहने की मांग अनुचित
कहा- बच्चे के जन्म देने की स्थिति में तेजी से कराई जाए गोद लेने की प्रक्रिया, अब विधवा महिला बच्चे को देगी जन्म