इलाहाबाद हाईकोर्ट : सहमति से लंबे समय तक चला संबंध बलात्कार नहीं

blog-img

इलाहाबाद हाईकोर्ट : सहमति से लंबे समय तक चला संबंध बलात्कार नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यौन शोषण मामले में अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा सहमति के आधार पर लंबे समय से बनाए जा रहे शारीरिक संबंध को बलात्कार बिल्कुल नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने महज शादी के झूठे वादे के आधार पर कई सालों तक सहमति से बनाए गए संबंधों को बलात्कार मानने से इनकार किया। 

हाईकोर्ट ने इसी आधार पर मुरादाबाद के आरोपी के खिलाफ चल रही क्रिमिनल प्रोसीडिंग को रद्द करते हुए उसे बड़ी राहत दी है। जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच ने आरोपी श्रेय गुप्ता की याचिका को मंजूर करते हुए आदेश दिया। कोर्ट के फैसले के मुताबिक बारह-तेरह साल के लंबे समय तक सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को महज इस आधार पर बलात्कार नहीं कहा जाएगा, क्योंकि इसमें शादी के वायदे का उल्लंघन किया गया है।

जानें क्या है पूरा मामला?

मुरादाबाद की एक महिला ने साल 2018 में महिला पुलिस स्टेशन में श्रेय गुप्ता नाम के शख्स के खिलाफ बलात्कार और ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराया था। आरोपी ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि महिला शादीशुदा होने और बच्चों को जन्म देने के बावजूद पति के जीवित रहते हुए आरोपी के साथ रिश्ते में थी। 

महिला का आरोप था कि उसका पति गंभीर रूप से बीमार था, ऐसी स्थिति में आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की शुरुआत की और उससे वादा किया कि पति की मृत्यु हो जाने के बाद वो उससे शादी कर लेगा। पति की मौत के बाद भी दोनों के बीच रिश्ता रहा लेकिन इसके बाद उसने 2017 में दूसरी महिला से सगाई कर ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 12 साल तक सहमति से संबंध चलता रहा लेकिन सिर्फ शादी से इनकार करने के आधार पर इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है।

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



बॉम्बे हाईकोर्ट : पति के दोस्त के खिलाफ
अदालती फैसले

बॉम्बे हाईकोर्ट : पति के दोस्त के खिलाफ , नहीं हो सकता 498A का मुकदमा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि पति के मित्र पर क्रूरता के लिए IPC की धारा 498 A के तहत कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। क्यो...

इलाहाबाद हाईकोर्ट -लखनऊ बैंच :  विवाहित
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट -लखनऊ बैंच : विवाहित , महिला से शादी न करना अपराध नहीं

हाईकोर्ट ने कहा- विवाहिता के प्रेमी पर दुराचार का आरोप नहीं, निचली अदालत का फैसला सही

हिमाचल हाईकोर्ट : तीसरे बच्चे की मां
अदालती फैसले

हिमाचल हाईकोर्ट : तीसरे बच्चे की मां , बनने के बाद भी मातृत्व अवकाश का हक

मामले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक स्टाफ नर्स ने हाईकोर्ट में मातृत्व अवकाश को लेकर रिट याचिका दाखिल की थी।

दिल्ली हाईकोर्ट  : अब पति नहीं छिपा पाएंगे सैलरी, पत्नी को कमाई जानने का पूरा हक
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : अब पति नहीं छिपा पाएंगे सैलरी, पत्नी को कमाई जानने का पूरा हक

हाई कोर्ट ने कहा है कि पत्नी अपने पति की वास्तविक आय अथवा संपत्ति जानने के लिए गवाह के रूप में बैंक अधिकारियों को बुलाने...

दिल्ली हाईकोर्ट : शादी के बाद माता-पिता अजनबी
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : शादी के बाद माता-पिता अजनबी , नहीं, बेटी की प्रताड़ना पर दे सकते हैं गवाही

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने शिकायत दर्ज कराने वाले मृतका के माता-पिता को निजी गवाह बताने की आरोपी व्यक्ति की दलील को खार...