पत्नियां हो रहीं जिद्दी, केवल भरण-पोषण नहीं,

blog-img

पत्नियां हो रहीं जिद्दी, केवल भरण-पोषण नहीं,
मांग रहीं तलाक, टूटने की कगार पर 3000 शादियां

विवाह के बाद कभी ताने तो कभी आपस में ही विवाद से पति-पत्नी में दूरियां बढ़ गईं। बात-बात पर झगड़ा होने लगा तो मामला पुलिस और फिर अदालत तक पहुंच गया। अब केवल भरण-पोषण तक ही नहीं मामला तलाक तक पहुंच चुका है। परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे 3000 से अधिक मामले हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है।

केस:-1 मथुरा निवासी युवती की शादी दिसंबर 2012 में शमसाबाद निवासी युवक के साथ हुई थी। शादी के एक साल पर उनके घर पुत्री पैदा हुई। तब से ससुराल वाले ताने मारने लगे। उत्पीड़न से परेशान होकर वह मार्च 2014 में मायके आ गईं। पति लेने नहीं आया तो पुलिस से शिकायत की। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के बाद केस दर्ज हुआ। 2018 में कोर्ट में भरण पोषण के साथ विवाह विच्छेद का वाद दायर किया।

केस:-2 जगदीशपुरा निवासी युवती ने एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के एक युवक से जुलाई 2023 में प्रेम विवाह किया था। शादी के 21 दिन बाद ही दोनों के बीच मतभेद हो गए। दोनों एक-दूसरे पर शक करने लगे। लोगों के समझाने पर किसी ने एक दूसरे की बात नहीं मानी। मामला पुलिस तक पहुंचा। सितंबर 2024 में पत्नी ने अदालत में विवाह विच्छेदन का वाद दायर कर दिया।

केस:-3 शाहगंज थाना क्षेत्र की निवासी युवती की शादी जुलाई 2018 में जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के युवक के साथ हुई थी। शादी के दो साल बाद एक बेटी हुई। 2023 में खाना बनाने को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। पत्नी ने शराब पीकर पिटने का आरोप लगाकर पुलिस बुला ली। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। मार्च 2023 में पत्नी ने भरण पोषण के लिए अदालत में वाद दायर किया। दिसंबर 2024 में विवाह विच्छेदन का वाद दायर कर दिया।

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का
अदालती फैसले

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का , अधिकार, वंचित करना घरेलू हिंसा के बराबर

विधवा को घर से निकालना सिर्फ अन्याय नहीं, शोषण भी है – कोर्ट की नागपुर बेंच ने ऐसा क्यों कहा

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को , हथियार के रूप में इस्तेमाल करना क्रूरता

कोर्ट ने माना कि नाबालिग बच्चे को जानबूझकर माता-पिता से अलग करने की कोशिश न सिर्फ मनोवैज्ञानिक क्रूरता है, बल्कि यह तलाक...