मध्यप्रदेश वाटर स्पोर्ट्स : पानी पर जौहर दिखा रहीं गांव लड़कियां

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मध्यप्रदेश वाटर स्पोर्ट्स : पानी पर जौहर दिखा रहीं गांव लड़कियां

भोपाल। खेल जगत में महिलाओं की हिस्सेदारी न सिर्फ तेजी बढ़ रही है, बल्कि वे अपने-अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन भी कर रही हैं। इनमें गाँव की वे बेटियां भी शामिल हैं, जिन्होंने पानी से सोना, चांदी और तांबा निकालकर जलपरी का खिताब अपने नाम कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इन्होंने वाटर स्पोर्ट्स रोइंग में अपना हुनर और कौशल दिखाते हुए कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। चलिए जानते हैं राजधानी में 24वीं अखिल भारतीय वाटर स्पोटर्स प्रतियोगिता में मप्र टीम की तरफ से शामिल ऐसी ही महिला खिलाड़ियों के बारे में, जिन्होंने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।

रुक्मणी दांगी - रायगढ़ से दुनिया तक का सफर

2016 में राजगढ़ के ग्राम ताजपुर से भोपाल आई वाटर स्पोर्ट्स रोइंग की खिलाड़ी रुक्मणी दांगी ने पहली बार इंटरनेशनल की वाटर स्पोटर्स की समर कैंप में ट्रायल दिया और कुछ माह के अभ्यास के बाद हैदराबाद में जीवन का पहला रजत पदक हासिल किया। इसके बाद रुक्मणी ने पदकों की झड़ी लगा दी। 2016 में थाईलैंड में इंटरनेशनल जूनियर एशियन चैम्पियनशिप 2017 में सीनियर एशियन चैम्पियनशिप में पदक जीता। जीत का सिलसिला जारी है। मप्र में एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) में कार्यरत रुक्मणी अब तक 17 स्वर्ण पदक, 6 रजत और 2 कांस्य सहित 25 पदक अपने नाम कर चुकी हैं।

विंध्या संकथ -कबड्डी से शुरुआत रोइंग में कमाया नाम

महू की रहने वाली रोइंग प्लेयर विंध्या संकथ पहले कबड्डी खेलती थी, जहाँ अपने शानदार प्रदर्शन के चलते उन्होंने नेशनल में स्वर्ण पदक भी जीता। वर्ष 2018 में टीटी नगर में वाटर स्पोर्ट्स समर कैम्प में शौकिया तौर पर भाग लिया। कमाल की बात यह कि उनका सेलिंग के लिए चयन भी हो गया, लेकिन विंध्या ने रोइंग को चुना। 2018 में सिंगल स्केल कोलकाता में रोइंग में रजत पदक हासिल करने के बाद वर्ष 2020-21 में लॉकडाउन के दौरान ओलिंपिक क्वालीफिकेशन के लिए जापान गई। एशियन चैम्यिनशिप थाईलैंड में भाग ले चुकी विंध्या के हिस्से में अब तक नेशनल प्रतियोगिता में 9 स्वर्ण, 6 रजत और 4 कांस्य पदक आ चुके हैं।

खुशप्रीत कौर -कोच के कहने पर शुरू की रोइंग

पंजाब के भटिंडा से ताल्लुक रखने वाली रोइंग प्लेयर खुशप्रीत कौर की कर्मभूमि मप्र है। खुशप्रीत पहले एथलेटिक्स की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती थी, लेकिन कोच दीपक कुमार की प्रेरणा के बाद रोइंग का अभ्यास करना शुरू कर दिया। वह 2017 से ही रोइंग का अभ्यास करती रही। इसके बाद 2018 से रोइंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। खुशप्रीत 2019 में भोपाल के बड़ा तालाब स्थित एकेडमी में ट्रायल देने आई। 2019 में हैदराबाद में जीवन का पहला कांस्य जीता। अब तक 5 बार जापान, थाईलैंड, पोलैंड और मलेशिया में आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं। नेशनल प्रतियोगिता में 11 स्वर्ण, दो रजत, एक कांस्य के साथ ही एशियन इंडोर रोइंग में 2 स्वर्ण, 2 रजत सहित 18 पदक जीत चुकी हैं। सीआरपीएफ में पदस्थ खुशप्रीत मप्र टीम के लिए खेलती हैं।

सन्दर्भ स्रोत : पत्रिका

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