झारखंड हाईकोर्ट : विधवा और उसके बच्चे

blog-img

झारखंड हाईकोर्ट : विधवा और उसके बच्चे
ससुराल वालों से भरण-पोषण पाने के हकदार

झारखंड हाईकोर्ट ने विधवा के पक्ष में फैसला सुनाया है। विधवा ने सुसराल वालों पर आरोप लगाया था कि पति की मौत के बाद उसे ससुराल से निकाल दिया गया। पति की संपत्ति में भी हिस्सा नहीं दिया गया है। इसके बाद HC ने ससुराल पक्ष को गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए।

\झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने एक अहम फैसले में कहा है कि विधवा बहू (widow) और उसके नाबालिग बच्चे यदि अपना गुजारा करने में असमर्थ हैं और ससुराल वालों के पास संयुक्त संपत्ति है तो वह ससुर व देवर से भी भरण-पोषण कानून के तहत गुजारा भत्ता की हकदार है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस राजेश कुमार की बेंच ने ससुर की अपील खारिज करते हुए यह आदेश दिया।

फैमिली कोर्ट ने दिया था गुजारा भत्ता का आदेश

फेमिली कोर्ट ने बहू की अर्जी पर ससुराल वालों की ओर से उसे प्रतिमाह 3000 रुपए और दो नाबालिग बच्चों के लिए 1000 रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। जिसे ससुर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही माना कि विधवा महिला बच्चों के साथ अपने पीहर रहती है और उसके गुजारे के लिए कोई आय नहीं है। उसके पति की संपत्ति का कोई बंटवारा भी नहीं हुआ है। पीहर में महिला के पिता की भी कोई कमाई नहीं है। इसलिए वह ससुराल से गुजारा भत्ता की हकदार है।

 

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है

आरोपी की जमानत याचिका रद करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित , न होने पर भी महिला भरण-पोषण की हकदार

दूसरी शादी-मेंटेनेंस विवाद, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का आदेश पलटा  महिला के भरण-पोषण पर मामला वापस भेजा फैमिली कोर्ट में...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...