हाईकोर्ट-इंदौर खंडपीठ : बेटी के साथ नौकरी

blog-img

हाईकोर्ट-इंदौर खंडपीठ : बेटी के साथ नौकरी
कर रही पत्नी को भी देना होगा भरण-पोषण

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने पत्नी के द्वारा नौकरी करने के बाद भी पति को हर्जाने के रूप में हजारों रुपए देने के आदेश दिए हैं। पति की ओर से कोर्ट को इस बात की जानकारी दी गई कि पत्नी खुद नौकरी करती है और अपना भरण पोषण कर सकती है। कोर्ट ने पति की दलीलों को खारिज करते हुए पत्नी को भरण पोषण देने के आदेश दिए हैं।

फैमिली कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

बता दें कि पिछले दिनों कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण को लेकर महिला ने याचिका लगाई थी। जिस पर फैमिली कोर्ट के द्वारा सुनवाई की गई लेकिन पीड़िता को किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद पीड़िता की ओर से इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

मेंटेनेंस के लिए हाईकोर्ट में दायर की याचिका

फैमिली कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर महिला ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई थी। कोर्ट में वकील ने पक्ष रखा कि पति दहेज के लिए प्रताड़ित करता है। साथ ही पति के कई महिलाओं से संबंध हैं। वहीं पीड़िता अपनी नाबालिग बेटी को लेकर अलग रह रही है और उसे भरण पोषण दिलाया जाए। कोर्ट में बताया गया कि महिला का पति ट्रेवल्स कंपनी संचालित करता है, जिसके चलते वह कई स्रोतों से तकरीबन 3 लाख रुपये महीना कमाता है। कोर्ट के समक्ष पति की ओर से इस बात की जानकारी दी गई कि पत्नी एक नामी कंपनी में नौकरी करती है और अच्छा वेतन पाती है।

'हर माह देनी होगी भरण-पोषण राशि'

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना उसके बाद जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि "पति को न केवल अपनी पत्नी बल्कि अपने बच्चों के भरण पोषण की कानूनी, सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। अगर यह मान भी लिया जाए कि पत्नी कमा रही है, तो भी यह पति के लिए अपनी पत्नी और नाबालिग बेटी के भरण पोषण की जिम्मेदारी और कर्तव्य से बचने का कारण नहीं हो सकता।" हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील को स्वीकार करते हुए पति को निर्देश दिए कि "वह पत्नी को 10 हजार रुपए और नाबालिग बेटी को 7 हजार रुपए की राशि भरण पोषण के रूप में हर महीने अदा करे।"

सन्दर्भ स्रोत : ईटीवी भारत

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है

आरोपी की जमानत याचिका रद करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित , न होने पर भी महिला भरण-पोषण की हकदार

दूसरी शादी-मेंटेनेंस विवाद, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का आदेश पलटा  महिला के भरण-पोषण पर मामला वापस भेजा फैमिली कोर्ट में...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...