वीरांगना रानी दुर्गावती

blog-img

वीरांगना रानी दुर्गावती

रेखा चित्र : विश्वास सोनी 

• सुधीर जैन, सतना

• डाक टिकटों में मप्र की महिलाएं

वीरांगना रानी दुर्गावती, रथ और महोबा के चंदेलवंशी राजा शालीवाहन की पुत्री थीं । उनका विवाह गोंडवाना राज्य के शासक दलपत शाह से हुआ था । दलपत शाह की अचानक मृत्यु हो जाने और उनके पीछे एक नाबालिग पुत्र छोड़ जाने पर दुर्गावती ने राज्य का शासन भार संभाल लिया। उन्होंने सन् 1548 से 1564 तक राज्य किया। उनके शासन काल में व्यापार खूब फूला-फला और प्रजा समृद्ध रही । अपने पति के पूर्वजों की भांति रानी दुर्गावती ने भी अपने राज्य का विस्तार किया और गोंडवाना राज्य का साहस, उदारता और चतुराई से राजनैतिक एकीकरण किया। उनकी विशाल सुसज्जित सेना में भारी संख्या में पैदल सैनिकों के अतिरिक्त 20,000 अश्वारोही और 1000 हाथी थे । दुर्गावती ने एक योद्धा के रूप में ख्याति अर्जित की और मालवा के सुल्तान बाज बहादुर के साथ सफलता के साथ युद्ध किया। उन्होंने अपने राज्य के विभिन्न भागों में जनहित के अनेक कार्य किये, जबलपुर में विशाल रानीताल सहित अनेक जलाशयों का निर्माण करवाया तथा शिक्षा का व्यापक प्रसार किया। सन् 1964 में मुगलों की सेना से युद्ध करते समय घायल हो जाने पर मुगल आक्रमणकारियों द्वारा बंदी बनाये जाने की बजाय स्वयं को छुरा घोंपकर उन्होंने अपना जीवन समाप्त कर लिया। भारतीय डाक विभाग द्वारा इस वीरांगना पर 24 जून 1988 को 60 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया गया।

लेखक डाक टिकट संग्राहक हैं।

इन्हें भी पढ़िये -

क्रांति त्रिवेदी

विजयाराजे सिंधिया

वीरांगना रानी अवन्तीबाई

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



कुशल शासक नवाब सुल्तान जहाँ बेगम जो अपने सौतेले पिता के कारण माँ से हो गयी थीं दूर
भोपाल की नवाब बेगमें

कुशल शासक नवाब सुल्तान जहाँ बेगम जो अपने सौतेले पिता के कारण माँ से हो गयी थीं दूर

सुल्तान जहां एक योग्य और कुशल प्रशासक सिद्ध हुई। कुछ वर्षों में ही उन्होंने भोपाल के प्रशासन और जन जीवन पर अपनी योग्यता...

रानी रूपमती जिसने की थी रागिनी भूप कल्याण की रचना
मध्यप्रदेश के इतिहास में महिलाएं

रानी रूपमती जिसने की थी रागिनी भूप कल्याण की रचना

मालवा की रानी रूपमती और उसके पति सुल्तान बाज बहादुर की प्रणय गाथा आज भी माण्डू दुर्ग के अवशेषों में प्रतिध्वनित होती है।

क्रांति त्रिवेदी
डाक टिकटों पर मध्यप्रदेश की महिला विभूतियाँ

क्रांति त्रिवेदी

हिन्दी की प्रख्यात लेखिका श्रीमती क्रान्ति त्रिवेदी का जन्म 28 सितम्बर 1932 को अविभाजित मध्यप्रदेश के रायपुर में हुआ था।

बैजाबाई शिंदे जिन्होंने अपना बैंक स्थापित
मध्यप्रदेश के इतिहास में महिलाएं

बैजाबाई शिंदे जिन्होंने अपना बैंक स्थापित , कर विरोधियों का किया सामना

कम ही लोगों को पता होगा कि सिंधिया ख़ानदान में भी एक ऐसी महिला शासक थी जिसने अंग्रेज़ों से लोहा लिया था। उनका नाम था बैज़ाब...

जब शत्रुओं से घिर गई थीं रानी लक्ष्मीबाई
स्वतंत्रता संग्राम में मप्र की महिलाएं

जब शत्रुओं से घिर गई थीं रानी लक्ष्मीबाई

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने बलिदान से स्वाधीनता संग्राम के इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी है।  उनके शौर्य और पराक्रम की प...

रानी अवंती  बाई जिनकी शहादत आज भी है एक राज
स्वतंत्रता संग्राम में मप्र की महिलाएं

रानी अवंती बाई जिनकी शहादत आज भी है एक राज

रामगढ़ की रानी अवंती बाई ने वीरांगना लक्ष्मीबाई की तरह विदेशी सत्ता के विरुद्ध बगावत का झण्डा उठाया और 1857 के प्रथम स्...