बॉडी-बिल्डर वंदना ने नेशनल चैम्पियनशिप में

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बॉडी-बिल्डर वंदना ने नेशनल चैम्पियनशिप में
जीता रजत, वर्ल्ड स्पर्धा के लिए क्वालीफाई

इंडियन बॉडी बिल्डर फेडरेशन द्वारा पिछले दिनों पंजाब के लुधियाना में आयोजित 15वें मिस्टर इंडिया सीनियर मेंस एंड वूमेंस बॉडीबिल्डिंग नेशनल चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश की बॉडी बिल्डर वंदना ठाकुर ने बेहतरीन प्रदर्शन कर रजत पदक अपने नाम किया है।  इस प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। अपनी इस उपलब्धि के साथ ही वंदना ने एशिया और विश्व चैंपियनशिप ट्रायल के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।

वंदना के  पिता फौज में थे और मां गृहिणी। जब मैं 13 साल की थी तब पिता का साया सिर से उठ गया। मां भी 3 साल बाद चल बसीं। गरीबी के कारण पढ़ाई छूट गई। खर्चा निकालने के लिए चॉकलेट-बिस्किट की दुकान चलाई। खेल में रुचि थी तो क्रिकेट खेलने लगी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते क्रिकेट किट तक नहीं खरीद पाई। इसके बाद जूडो-कराटे सीखने गई, तो यहाँ फीस न भर पाने के कारण यह खेल भी उन्हें छोड़ना पड़ा,  लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बॉडी बिल्डिंग में आ गई।

10 हजार प्रतिभागियों में दूसरा स्थान पाया

इस चैंपियनशिप में देशभर के 10 हजार प्रतिभागियों में वे दूसरे स्थान पर रहीं। विषम परिस्थितियों के चलते वे बारहवीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाईं, लेकिन किसी न किसी तरह खेल से जुड़ी रहकर अपने सपने पूरे करती रही। पांच साल पहले पावर लिफ्टिंग में ट्राई करने जिम जॉइन किया। जहां गुरु अतिन तिवारी के मार्गदर्शन से आगे बढ़ती गई। पारिवारिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए वंदना ने महिला बॉडी बिल्डर के रूप में न सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि प्रतिष्ठित वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग यूनियन सर्टिफिकेशन भी अपने नाम कर चुकी हैं। वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता वंदना, अब एशिया और विश्व चैम्पियनशिप के लिए तैयारी करेंगी।

अब वर्ल्ड चैम्पियनशिप पर टिकी निगाहें

वंदना की निगाहें अब एशियन चैंपियनशिप पर टिकी हैं, साथ ही वे वर्ल्ड चैम्पियनशिप की तैयारी भी कर रही हैं। इंदौर-उज्जैन डिवीजन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2018-2019 का खिताब अपने नाम कर चुकीं वंदना उन प्रत्येक लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल बन गईं हैं जो कुछ कर गुजरने का साहस तो रखती हैं, लेकिन चुनौतियों के आगे हार मान जाती हैं और असीम क्षमता होने के बावजूद खुद को परिस्थितियों के सहारे ही छोड़ देती हैं। वंदना ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक अपने नाम तो किया ही है वैश्विक मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। साल 2017, 18 और 19 में लगातार तीन साल पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में विभिन्न नेशनल चैंपियनशिप्स अपने नाम कर चुकी वंदना ने भारतीय खेल इतिहास में सबसे मजबूत महिला खिलाड़ी के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है। उनका सपना बॉडी बिल्डर्स के लिए इंदौर में एक ऐसी एकेडमी शुरू करना हैं,  जहां खासतौर से उनकी जैसी लड़कियों को ट्रेनिंग और अच्छी डाइट मिले जो वे खुद वहन नहीं कर सकतीं।

सन्दर्भ स्रोत : दैनिक  भास्कर

संपादन : मीडियाटिक डेस्क

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