छाया: नई दुनिया
• 20 हजार किमी चलाएगी साइकल
• बर्फीली चोटियों पर फहरा चुकी है तिरंगा
मध्यप्रदेश लाडली राष्ट्रीय एथलीट व पर्वतारोही आशा राजूबाई मालवीय 20 हजार KM साइकिल चलाएंगी। वह मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस (1 नवंबर) के अवसर पर साइकिल यात्रा कर देश के सभी राज्यों का भ्रमण करेंगी। यात्रा के दौरान प्रदेश के पर्यटन स्पॉट, नैसंर्गिक सौंदर्य, समृद्ध इतिहास और संस्कृति को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का अभियान का हिस्सा बनेंगी।
खिचलीपुर राजगढ़ की रहने वाली पेशे से एथलीट 24 वर्षीय आशा ने बताया कि उनके परिवार में छोटी बहन और मां है। वे अभी बैचलर हैं। पिताजी की मौत बचपन में ही हो गई थी। इसके बाद उनके परिवार का भरण-पोषण एसपी के पूर्व रीडर रह चुके ओमप्रकाश शर्मा ने किया। उन्होंने बीपीएड-बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में पीजी की पढ़ाई की है। उन्होंने करीब एक महीने पहले साइकिल से देश के भ्रमण का प्रपोजल पर्यटन विभाग के पास भेजकर यात्रा में सहयोग की मांग की थी। जिस पर विभाग ने अपनी सहमति प्रदान करते हुए साइकिल किट समेत अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया करा दिए हैं। उन्होंने बताया कि वे इससे पहले वे माउंनटेनिंग कर चुकी हैं। नेपाल-भूटान-बंग्लादेश की सीमा पर स्थित तेनजिंग खान की 19545 फीट एवं बीसी राय की 20500 फीट जैसी बर्फीली चोटियों को फतह कर तिरंगा फहरा चुकी हैं।
पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर एक नवंबर को साइकिल यात्रा को फ्लैग ऑफ करेंगी। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने यात्रा में सहयोग के रूप में आशा को टूरिज्म बोर्ड कार्यालय में एक बेहद आधुनिक जीपीएस युक्त हाइब्रिड साइकिल रोम-2 और साइकिल किट सौपी।
पर्यटन स्थलों को महिलाओं खासकर एकल महिला यात्रियों (सोलो फिमेल ट्रेवलर) के लिए और अधिक सुरक्षित तथा सुगम बनाने हेतु मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्राथमिकता पर विभिन्न योजना-परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए बोर्ड द्वारा खिलचीपुर, जिला राजगढ़ की रहने वाली राष्ट्रीय एथलीट व पर्वतारोही आशा राजूबाई मालवीय का साइकिल से देश भ्रमण का प्रस्ताव को स्वीकार कर उनकी पहल का स्वागत किया है।
यात्रा का समापन 11 माह बाद दिल्ली में होगा। इस अवसर पर अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड विवेक श्रोत्रिय, उप संचालक उमाकांत चौधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। आशा नेपाल-भूटान-बांग्लादेश सीमा पर स्थित तेनजिंग खान (19,545 फीट) एवं बीसी राय (20,500 फीट) जैसी बर्फिली चोटियों को फतह कर तिरंगा फहरा चुकी हैं। फलस्वरूप उनका नाम देश की नेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड ओएमजी बुक में दर्ज है।
संदर्भ स्रोत – नई दुनिया और दैनिक भास्कर
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