छाया:आरजीपीवी डॉट इन
पिता किसान हैं मां करती हैं सिलाई,
अभाव में पली बेटी ने पाया 44 लाख रुपए का सालाना पैकेज
भोपाल। आदिवासी बाहुल्य छिंदवाड़ा की आयुषी सोमरकर ने अहम उपलब्धि हासिल की है. आयुषी के पिता साधारण किसान हैं. अतिरिक्त पैसों के लिए मां ने सिलाई का काम किया और आयुषी की फीस आदि का खर्च उठाया. बेटी ने भी मां-पिता के संघर्ष का मोल समझा और अब लाखों की कमाई करने वाली है।
• आरजीपीवी की छात्रा आयुषी की उपलब्धि
राजीव गांधी प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय आरजीपीवी की छात्रा आयुषी ने 44 लाख का जबर्दस्त वार्षिक सैलरी पैकेज हासिल किया है। यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर साइंस विभाग की छात्रा आयुषी सोमरकर को अमेजऩ कंपनी ने ओपन कैंपस में यह पैकेज दिया है। छिंदवाड़ा की रहने वाली आयुषी के पिता अरुण किसान हैं और मां प्रमिला सिलाई का काम करती है। अभावों में पली बड़ी आयुषी ने कड़ी मेहनत कर ये मुकाम पाया है।
आयुषी ने बताया कि कंपनी से ऑफर लेटर आने के बाद घर में सब बहुत खुश हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा सिलेक्शन हो सकता है लेकिन तैयारी जरूर की थी। करीब एक साल के प्रयास और तीन चरणों में हुई इंटरव्यू प्रक्रिया के बाद आयुषी को मंगलवार को कंपनी की ओर से ऑफर लेटर मिला है। जून 2023 में पढ़ाई पूरी होने के बाद कंपनी ज्वानिंग देगी।
आयुषी की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार, कुलसचिव प्रो. आरएस राजपूत, यूआइटी डायरेक्टर प्रोण् सुधीर सिंह भदौरिया ने बधाई देते हुए गर्व भी जताया है। आरजीपीवी ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. शिखा अग्रवाल ने बताया कि ग्रामीण परिवेश से आने वाली छात्रा की यह उपलब्धि दर्शाती है कि प्रतिभाओं के लिए अवसरों की कमी नहीं है।
संदर्भ स्रोत- पत्रिका
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