जन्म दिनांक : 26 अगस्त, जन्म स्थान : लखनऊ
माता : श्रीमती रत्ना बापुली, पिता : स्व. गुरदास बापुली
जीवन साथी : इंद्रनील चक्रवर्ती, संतान : पुत्री- 02
शिक्षा : एमए (हिन्दी साहित्य/कथक), B. Ed.
व्यवसाय : कथक प्रशिक्षक/अभिनय/ संचालक लिपिका -'गुरु रत्ना लिपिका नृत्य अकादमी'
करियर यात्रा-जीवन यात्रा : कमला नेहरू उ. मा. विद्यालय (भोपाल) में एक वर्ष का शिक्षण अनुभव, 2005-2008 तक नवयुग रेडियंस में तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव. 2004 में छह महीने के लिए दूरदर्शन में स्रोत व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) के रूप में काम किया. 2009 से 2011 तक एक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया. 2008 से 2011 तक लखनऊ में स्टेप्स म्यूज़िक इंस्टीट्यूट (प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद द्वारा प्रमाणित) में अपना संस्थान चलाया.
नृत्य में रुचि बचपन से ही थी. रेडियो के गानों पर थिरकते हुए अपने भीतर के कलाकार को पहचानना शुरू किया. एक बार परिचित के जन्मदिन पर पहली बार मंच पर नृत्य किया. वहीं प्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक श्री पुनीत अस्थाना ने लिपिका की प्रतिभा को पहचाना और उनके प्रयासों से 'संध्या छाया' नाटक में माधुरी की भूमिका मिली. यहीं से अभिनय की दुनिया में प्रवेश हुआ इसके बाद कई नाटकों में अभिनय किया. गुरु श्रृंगारमणि कुमकुम जी से गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत कथक की शिक्षा और विभा नौटियाल जी के मार्गदर्शन में कथक की डिग्री प्राप्त की. पिछले 25 वर्षों से अभिनय और कथक नृत्य दोनों कलाओं में प्रदर्शन अलावा कई फिल्मों, वेब सीरीज तथा लघु फिल्मों में काम किया. वर्तमान में भोपाल में 'गुरु रत्ना लिपिका नृत्य अकादमी' का संचालन कर रही हैं , जहाँ लखनऊ घराने की नज़ाकत और बारीकियाँ बच्चों को सिखा रही हैं साथ ही मंचीय प्रदर्शन जारी.
उपलब्धियां/पुरस्कार
• संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश द्वारा बाल रंगमंच कार्यशाला (नाट्य 1995) तथा पारंपरिक नृत्य कार्यशाला (1999) में भागीदारी
• मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के नीलम जयंती शब्द उत्सव में नृत्य नाटिका ‘मीरा’ का मंचन (जून 2024)
मंचीय प्रदर्शन-अभिनय और नृत्य
• फिल्मों में (जादूगर, जॉनी द जंपर, पोस्टपार्टम, स्त्री-2, होप, कर्तुम-भुगतम, नोटरी, साले आशी, जनहित में जारी, और कहां शुरू कहां खत्म) हास्य और विविध चरित्र भूमिकाएं. 20 लघु फिल्में रिलीज हुईं
• अभिनय से संबंधित कई सरकारी परियोजनाओं पर काम किया
• संध्या छाया, लोभी चेला, विदूषक, चतुर खरगोश, खट्टा-मीठा, जब नदी बोली थी, भोमिजा, एक कथा सुनो आदि नाटकों में अभिनय
नृत्य प्रदर्शन
• कथक-बद्री केदार उत्सव ऋषिकेश - जून 2002
• कथक - लच्छू महाराज जयंती, लखनऊ - सितम्बर 2002
• कथक-लखनऊ महोत्सव, लखनऊ-2002
• कथक-शरद उत्सव, नैनीताल-2002
• कथक - ताज महोत्सव, आगरा -2003
• मानस भवन भोपाल- द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (मार्च 2024)
• 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर विधान सभा भोपाल
• झांसी महोत्सव / चंडीगढ़ महोत्सव/आगरा महोत्सव
सम्मान
• रंग यात्रा संस्था लखनऊ द्वारा बाल कलाकार के रूप में रंग यात्रा सम्मान (1991)
• ‘आई एम द बेस्ट रियलिटी शो 4’ में अभिनय के लिए ई.टी.वी. उप्र द्वारा सम्मानित (2002
• शकुंतला निरोज नृत्य केंद्र- लखनऊ द्वारा लच्छू महाराज सम्मान ( 2004 )
• चैती महोत्सव के उपलक्ष में रामलीला समिति ऐशबाग-लखनऊ द्वारा तुलसी सम्मान (2016)
• हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट- लखनऊ द्वारा हिमालय सम्मान (2017)
• तूलिका संस्था भोपाल द्वारा तूलिका सम्मान (2018)
• नाइपर शिक्षा समिति, भोपाल द्वारा महिला दिवस के अवसर पर शक्ति सम्मान (2020)
• आर.के. क्रिएशन-भोपाल द्वारा सम्मानित (2020)
• रंग संगम संस्था-लखनऊ द्वारा सम्मानित (2024)
रुचियां : अभिनय नृत्य और गायन
अन्य जानकारी : अनेक नृत्य प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में उपस्थित/ अनेक नृत्य प्रस्तुतियों के लिए कोरियोग्राफी/ सुश्री नीति श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित नाटक:- झलकारी, पन्ना धाय, सरहदें और सेनादी के लिए कोरियोग्राफी