कोर्ट ने साफ कहा कि कुछ मामले संसद के लिए होते हैं और अदालतें महिलाओं के शादी की उम्र पर कानून नहीं बना सकती हैं।
केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि गृहिणी की भूमिका किसी राष्ट्रनिर्माता से कम नहीं है।
बेटी का विवाह उसकी स्थिति को बदल नहीं सकता है और न ही बदलेगा
जब गैर-आदिवासी की बेटी पिता की संपत्ति में बराबर की हकदार, तो आदिवासी समुदायों की बेटी को इस तरह के अधिकार से वंचित करने का कोई...
केरल हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिमों के बीच हुई शादी पॉक्सो एक्ट के दायरे से बाहर...
लड़कियों को घर का काम नहीं करना, तो शादी से पहले बताएं