जेल में रहते हुए महिला बंदियों ने जाना आत्मनिर्भरता का कौशल

blog-img

जेल में रहते हुए महिला बंदियों ने जाना आत्मनिर्भरता का कौशल

छाया : एएनआई

• महिला कैदियों की बनाई राखी से सजेगा इंदौर का बाजार

इंदौर।  इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कौशल सिखाए जा रहे है, जिसमें वे निपुण हो गई हैं। जेल प्रशासन द्वारा ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यहां से छूटने के बाद महिला बंदी अपने हाथों के कौशल से कुछ कमा सके, ताकि दूसरे पर उन्हें निर्भर नहीं रहना पडे़। इसके लिए लंबे समय से महिला बंदियों को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई तो सिखाया ही जा रहा है, साथ ही पिछले दो सालों से राखी बनाने के गुर भी सिखाएं जा रहे हैं। इस बार भी रक्षाबंधन के मद्देनज़र 40 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनसे राखी बनाने का कार्य करवाया जा रहा है। इन तैयार राखियों को जेल में बनी अन्य वस्तुओं की तरह ही बाजार में बेचा जाएगा। जो मुनाफा होगा वो महिला कैदियों को दे दिया जाएगा।

एक एनजीओ चलाने वाली जया शेट्टी महिला बंदियों की गुरु बनकर प्रशिक्षण दे रही हैं। वे कहती हैं कोई भी नया काम सीखने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन सीखने की ललक होगी तो जरुर कामयाबी मिलेगी। महिला बंदियों ने भी आत्मनिर्भर बनने के लिए सिलाई, कढ़ाई और बुनाई से लेकर जो भी नए काम सीखे। शुरू शुरू में तो थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन अब इतनी पारंगत हो गई है कि किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है।

नाम मात्र के शुल्क पर मिलेगी राखी

महिला बंदियों की मेहनत से बनी राखियां 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की है। राखियों को जेल के बाहर आउटलेट पर बेचने के लिए रखा जाएगा, जिसे आम जनता भी खरीद सकती है। जेल की महिला बंदियों ने लगभग 200 अलग-अलग पैटर्न की राखियां बनाई हैं, जिसमें छोटे बच्चों के लिए स्पेशल राखी है। राखी में रेशमी धागे के साथ-साथ चावल के दाने, कुमकुम, पतला स्पंज, सितारे, मोती, रंगीन कागज, जरी और फेविकोल का इस्तेमाल किया गया है। इन्होने मिट्टी के भगवान गणेश और गोबर के दीपक सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाना भी सीख लिए हैं। इसके अलावा बेकरी के आयटम बनाना भी सीख गई हैं।

109 बंदियों में से 40 हो गई पारंगत, बाकी को भी सिखाने का प्रयास

जेल में कुल 109 महिला बंदी है, जिसमें से 40 महिलाओं में सीखने की इतनी ललक है कि कोई भी नया काम सिखाया जाता है तो वे आगे रहती हैं। वे लोग स्वयं तो सीखती ही हैं, साथी महिलाओं को भी प्रेरित करती हैं। जेल प्रशासन का प्रयास है कि सभी बंदियों को ऐसा काम सिखा दिया जाए कि यहां से जाने के बाद वे अपने हाथों के कौशल से कमा सकें।

आत्मनिर्भर बनीं बंदी

सेंट्रल जेल अधीक्षक डॉ. अलका सोनकर ने के मुताबिक़ यहां करीब 40 महिला कैदी राखी बनाने का काम कर रही हैं। महिला बंदियों ने बड़ी लगन से इस बार राखियां बनाई हैं। इसके लिए उन्हेंविशेष प्रशिक्षण व कच्चा सामान उपलब्ध करवाया गया है। जेल से छूटने के बाद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक सफल प्रयास होगा। जेल अधीक्षक ने कहा कि इससे पहले भी महिलाओं को समय समय पर मिठाई और अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे जेल से छूटने के बाद दोबारा अपराध करने की बजाय आत्मनिर्भर बनकर एक अच्छे नागरिक की तरह अपना जीवन जी सकें। केंद्रीय जेल में बने उत्पादों को जेल के बाहर दुकान लगाकर बेचा जाता है। इसी क्रम में राखियां भी वहाँ काउंटर लगाकर बेची जाएंगी।

संदर्भ स्रोत: पत्रिका

संपादन : मीडियाटिक डेस्क

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



महिलाओं को शिक्षित कर सुनंदा ने
न्यूज़

महिलाओं को शिक्षित कर सुनंदा ने , बदली बच्चों की सेहत की तस्वीर

भोपाल की सुनंदा पहाड़े ने महिलाओं की शिक्षा और बच्चों के पोषण के क्षेत्र में किया उल्लेखनीय काम  जहां कभी भूख और बेबसी थ...

भोपाल की तैयबा ने राज्यस्तरीय
न्यूज़

भोपाल की तैयबा ने राज्यस्तरीय , की शूटिंग चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण

28वीं मध्य प्रदेश राज्य स्तरीय शूटिंग चैंपियनशिप

डॉ. श्वेता ने रचा टंग ट्विस्टर्स में रचा अनूठा कीर्तिमान
न्यूज़

डॉ. श्वेता ने रचा टंग ट्विस्टर्स में रचा अनूठा कीर्तिमान

2 मिनट 14 सेकंड में 86 बार मल्टीपल टंग ट्विस्टर्स बोलकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा...

महिला बंदियों ने जलकुंभी से बुनी आत्मनिर्भरता की कहानी
न्यूज़

महिला बंदियों ने जलकुंभी से बुनी आत्मनिर्भरता की कहानी

बाजार में इन वस्तुओं की मांग बढ़ने से महिला बंदियों का आत्मविश्वास भी दोगुना हुआ है।

कॉमनवेल्थ-आसियान शिखर सम्मेलन में भारत
न्यूज़

कॉमनवेल्थ-आसियान शिखर सम्मेलन में भारत , का प्रतिनिधित्व करेंगी सतना की वसुंधरा

इस वर्ष सम्मेलन का विषय 'सहयोग, नवाचार और भविष्य की साझेदारी' निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान सदस्य देशों के ब...

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन  : डॉ. रितु ने पढ़ा
न्यूज़

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन : डॉ. रितु ने पढ़ा , रिवर्स रिकॉल मेडिटेशन पर शोध पत्र

इस तकनीक में व्यक्ति दिनभर की घटनाओं को उल्टे क्रम में स्मरण करता है — यानी दिन के अंत से शुरुआत की ओर लौटते हुए हर क्षण...