पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि वैवाहिक बंधन से बाहर किसी महिला के साथ पति का बिना किसी कारण के संबंध रखना पत्नी के साथ क्रूरता है। सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस सुखविंदर कौर की पीठ ने कहा है कि यह किसी भी रिश्ते के टूटने का कारण बन सकता है। कोर्ट में एक ऐसे मामले पर सुनवाई चल रही थी जिसमें एक शख्स ने अपनी पत्नी से तलाक की मांग की थी क्योंकि उसकी पत्नी ने उस पर अवैध संबंधों के आरोप लगाए थे।
हाइकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा “हालांकि पति का कहना है कि उसका महिला के साथ कोई अवैध संबंध नहीं था, फिर भी हमने यह देखा है कि वैवाहिक संबंध के बाहर किसी महिला के साथ संबंध बनाए रखना, वह भी बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के, निश्चित रूप से क्रूरता के बराबर है। यह वैवाहिक रिश्ते में दरार पैदा करने के लिए पर्याप्त है।”
2011 में हुई थी शादी
जानकारी के मुताबिक दोनों ने 2011 में शादी की थी और उनका एक बच्चा भी है। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी उसके और उसके परिवार के साथ बेहद क्रूरता से पेश आती थी। उसने यह तर्क भी दिया कि अवैध संबंधों के आरोपों ने उनके विवाह में दरार पैदा कर दी है। हालांकि पत्नी ने कहा कि उसने एक बार अपने पति को पार्क में एक महिला के साथ देखा था और जब उसने उससे इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह उसकी कंपनी में काम करती है। कोर्ट ने कहा कि पारिवारिक कोर्ट के निष्कर्षों के मुताबिक एक वीडियो में पति को एक महिला के साथ फ्लैट से बाहर आते हुए देखा गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि पति ने उस महिला और अपने नाम पर एक कंपनी पंजीकृत की थी।
कोर्ट ने पति के तर्क को खारिज करते हुए कहा “अपीलकर्ता ने स्वीकार किया है कि वह उस महिला से लंबे समय से परिचित था और वह उसके साथ कई बार हवाई जहाज और ट्रेन से यात्रा कर चुका था और वह उसके साथ गोवा भी गया था। हमारी राय में इस रिश्ते के बिगड़ने का कारण पति ही है।” गौरतलब है कि शख्स ने फैमिली कोर्ट के 2023 के फैसले को रद्द करने की अपील की थी जिसमें उसे तलाक की मंजूरी नहीं मिली थी।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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