सुप्रीम कोर्ट ने शादी का वादा और सहमति से बनाए संबंध को रेप मानने से इनकार कर दिया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में दर्ज मामले को खारिज कर दिया है।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने युवक पर दर्ज मामले को रद्द कर दिया। बेंच ने कहा कि शिकायत 3 साल बाद दर्ज की गई, जब लड़की बालिग हो गई। इसके अलावा कोई भी फॉरेंसिक सबूत ये नहीं दिखाते कि युवक ने लड़की के साथ रेप किया था।
पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कई फैसलों में माना है कि शादी का वादा और सहमति से दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं माना जाएगा।
आरोपों के मुताबिक पीड़िता 15 साल की थी, जब उसने शादी के वादे पर युवक साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। वयस्क होने पर युवक ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। युवती ने युवक पर कई धाराओं में मामला दर्ज कराया था। जिसमें पॉक्सो एक्ट में भी शामिल था।
सहमति से संबंध बने, रिश्ता टूटने के बाद केस किया
इसके अलावा कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपों की सत्यता पर संदेह व्यक्त किया। कोर्ट ने कहा कि नाबालिग के साथ सहमति से यौन संबंध हुआ था, लेकिन शिकायत वयस्क होने के बाद दोनों का संबंध टूटने के बाद की गई।
युवक ने हाईकोर्ट में FIR खारिज करने के लिए अपील की थी। लेकिन वहां उसे राहत नहीं मिली। इसके बाद युवक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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