आदिवासी महिला उजियारो का भागीरथी

blog-img

आदिवासी महिला उजियारो का भागीरथी
प्रयास, सूखे झरने में आया पानी

छाया : पत्रिका

डिंडौरी। डिंडोरी ज़िले के पोड़ी गांव की उजियारो बाई ने अपने संघर्ष से गांव की तस्वीर बदली है। उन्होंने पेड़ बचाए और नए जलस्त्रोत बनाए, जिससे अब पूरे साल बैगा जनजाति के लोगों को पानी मिल रहा है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में आयोजित जल शक्ति मंत्रालय के 8वें भारत जल सप्ताह अंतर्गत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने गांव के उजियारे की दास्तां बयां। 

उजियारो ने बताया कि 20 साल पहले हमारे गांव में जंगल की कटाई होती थी। जंगलों की कटाई की वजह से बैगा चक इलाके में भी पानी की कमी होने लगी। पानी की दो झिरियों पर गांव के 100 परिवार निर्भर थे। 3 किमी घाटी चढ़कर पानी लाते थे। फागुन तक पानी खत्म हो जाता था। निस्तारण भी वहीं होता था, दूषित पानी से 2004 में एक साथ 18 लोग डायरिया से मर गए और बैगा जनजाति के लोग पलायन को मजबूर होने लगे। तब मैंने गांव की तस्वीर बदलने की ठानी। 

सबसे पहले उन्होंने अपने समाज के लोगों को प्राकृतिक जंगल को बचाने की बात समझाना शुरू किया। पहले जंगल बचाने की शुरुआत की। हर परिवार को समझाया। पहले 4-5 लोग आए, धीरे धीरे पूरा गांव साथ आया। बाद में एक समाजसेवी भी जुड़ गए।उन्होंने पेड़ बचाए। नए जलस्त्रोत बनाए। समूह, जंगल-जल समिति बनाई। ग्राम सभा से जंगल बचाने नियम-कानून बनवाए। पेड़ों की कटाई बंद हुई। उनके इस पहल की चर्चा धीरे-धीरे बैगा चक इलाके के कई गांव तक पहुंची।

5 साल की मेहनत के बाद पानी जमीन में जमा होने लगा। 15 साल के प्रयास के बाद आज इस इलाके में पर्याप्त पानी है। एक सूखी नदी में झरने फूट गए हैं और अब वह साल भर पानी देती है। इन्हीं झरनों की वजह से गांव के कुए में भी अब पानी आ गया है। पानी आने के बाद बैगा महिलाओं ने अपने छोटे-छोटे खेतों में सब्जी की फसल उगाना शुरू कर दिया है। वहीं छोटे धान के खेतों में अब गुजर-बसर लायक धान होने लगी है। हरियाली होने की वजह से गांव के मवेशियों को चारा मिलने लगा है। कुल मिलाकर इन दूरदराज जंगल में बसे गांव में बैगा जनजाति के लोगों के लिए उनके जीवन यापन से जुड़ी सभी बुनियादी जरूरतें पूरी हो रही हैं। इसलिए अब इस गांव में खुशहाली नजर आने लगी है।

संदर्भ स्रोत : पत्रिका/ईटीवी

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



जूनियर आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप :
न्यूज़

जूनियर आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप : , इंदौर की मानवी ने जीता कांस्य

वर्ष 2018 में 12 साल की उम्र में पहली बार हाथ में पिस्टल थामी

68वीं मप्र स्कूल राज्य तैराकी चैम्पियनशिप :
न्यूज़

68वीं मप्र स्कूल राज्य तैराकी चैम्पियनशिप : , जबलपुर की सैरा और तृषा ने जीता रजत

जुड़वा बहनों का राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी हुआ चयन

यूनिसेफ पहुंचने वाली पहली
न्यूज़

यूनिसेफ पहुंचने वाली पहली , श्रवण बाधित खिलाड़ी बनी गौरांशी

वर्ल्ड डेफ बैडमिंटन में जीत चुकी हैं  दोहरा पदक

पर्वतारोही ज्योति की चित्र कला प्रदर्शनी 21 और 22 को
न्यूज़

पर्वतारोही ज्योति की चित्र कला प्रदर्शनी 21 और 22 को

अभियानों के दौरान हिमालय की खूबसूरती को चित्रों में उकेरा

सब जूनियर गर्ल्स नेशनल फुटबॉल
न्यूज़

सब जूनियर गर्ल्स नेशनल फुटबॉल , चैम्पियनशिप -मप्र की टीम ने बाज़ी मारी

टीम में 10 लड़कियां मंडला के आदिवासी समुदाय से

उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए डॉ. लक्ष्मी कुमरे को एसके मित्रा पुरस्कार
न्यूज़

उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए डॉ. लक्ष्मी कुमरे को एसके मित्रा पुरस्कार

इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग संस्थान द्वारा 67वें आईईटीई वार्षिक सम्मेलन का आयोजन