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दतिया जिले के आदिवासी बाहुल्य आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल अब अफसरों की पत्नियां करेंगी। कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने अधिकारियों और उनकी पत्नियों की बैठक लेकर इस अनोखी पहल की शुरुआत की। जिले की 1010 आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 400 अतिकुपोषित बच्चे हैं। पहले इन केंद्रों को अधिकारियों को गोद दिया गया था, लेकिन विभागीय कामकाज के दबाव में वे निरंतर निगरानी नहीं कर पाते थे। अब उनकी पत्नियां सप्ताह में एक दिन केंद्र जाकर बच्चों का हालचाल लेंगी और पोषण आहार की गुणवत्ता पर भी नजर रखेंगी।
मेरी आंगनबाड़ी, मेरी जिम्मेदारी अभियान
बैठक के दौरान दतिया कलेक्टर की पत्नी राधिका वानखड़े ने वार्ड 34 स्थित केंद्र के 50 बच्चों को गोद लिया। उन्होंने कहा, हर सप्ताह बच्चों से मिलेंगी, त्योहार भी साथ मनाएंगी। इसी तरह डीपीओ अरविंद उपाध्याय की पत्नी श्वेता उपाध्याय, सीएमएचओ डॉ. बीके वर्मा की पत्नी डॉ. भावना वर्मा सहित अन्य ने भी विभिन्न केंद्रों की जिम्मेदारी ली। कलेक्टर ने कहा, यह अभियान 'मेरी आंगनबाड़ी, मेरी जिम्मेदारी' के तहत शुरू किया है। इसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।
सन्दर्भ स्रोत : पत्रिका समाचार पत्र
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