छाया : प्रतीकात्मक
भोपाल। हर साल की तरह इस साल भी 3 जून यानी आज दुनियाभर में विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। साइकिल ने न सिर्फ दुनिया को रफ्तार दी बल्कि महिलाओं की सपनों को उड़ान भी दी है। आज महिलाएं स्कूल, कॉलेज व समाज में साइकिलिंग के माध्यम से सेहत, पर्यावरण, बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ जैसे मुद्दों को लेकर जागरुकता फैला रहीं हैं। ऐसी ही जिम्मेदारी को भोपाल की श्रेया अग्रकाल, विधि बसोंडे और प्राची जीशी बखूवी निभा रही हैं। इन्होंने न सिर्फ साइकिलिंग से दुनिया में ख्याति अर्जित की है, बल्कि शहर के सबसे पुराने साइकिल ग्रुप ग्रीम एलानेट बाइसिकल राइडर्स एसोसिएशन (जीपीबीआरए) के माध्यम से समाज में सेहत और महिला सशक्तीकरण का संदेश भी फैलाया। तोनों नियमित रूप से स्पोर्ट्स अथारिटी ऑफ़ इंडिया (साई) द्वारा आयोजित संडे ऑन साइकिल कार्यक्रम में भाग लेती हैं। इनके नाम पर भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक टिकट भी जारी किए गए हैं।
विधि बोंडे - आल-राउंडर एथलीट और चैंपियन
दो बार खेलो इंडिया रोड साइकिलिंग में भागीदारी कर चुकी विधि बोंडे ने चार बार राष्ट्रीय रोड साइकिलिंग चैंपियनशिप में प्रतिनिधित्व (तीन बार लगातार राज्य चैंपियन) किया है। एसजीएफआइ 2019 में टाइम ट्रायल में सातवीं राष्ट्रीय रैंक हासिल की। 2024 में माडर्न पेंटाथलन के बायाथल में चौथा स्थान प्राप्त किया है।\
श्रेया अग्रवाल -साहस और सफलता की मिसाल
जीपीबीआरए की रेगुलर राइडर के तौर पर श्रेया अग्रवाल हर दिन साइकिलिंग करती हैं। उन्होंने सरदार लौहपुरुष ओलंपिक स्टैंडर्ड डुआथलन (10 किमी रन, 40 किमी साइकिलिंग, पांच किमी रन) में 18-30 आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्राची जोशी- सफलता की ओर बढ़ते कदम
भोपाल से हरदा की लॉन्ग डिस्टेंस राइड को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली प्राची जोशी एक्वाथलान व ट्रायथलान में राज्य-स्तरीय पदक हासिल कर चुकी हैं। पूर्ण-लंबाई सीनियर ट्रायथलान की कई बार फिनिशर रहीं इसके अलावाविभिन्न संगठित साइकिल चलाने की रैलियों में भाग लिया। कुछ आयोजनों में मार्शल के रूप में कार्य किया।
सन्दर्भ स्रोत : नवदुनिया
Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *