हिमेजी जापान में चल रही एशिया अफ्रीका पैसिफिक अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में सागर की बेटी आयुषी अग्रवाल (Aayushi agrawal) ने 425 किलोग्राम वजन उठाकर देश को कांस्य पदक (Bronze Medal) दिलाया है। उन्हें यह पदक बेंच प्रेस इवेंट (Bench Press Event) में हासिल हुआ।
आयुषी ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में पदक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि शहर और देश का मान बढ़ाया है। इतना ही नहीं, बुंदेलखंड के इतिहास में यह पहली बार है जब महिला खिलाड़ी ने पावर लिफ्टिंग (female athlete power lifting) इवेंट में अंतरराष्ट्रीय पदक (International medals) जीता है। वहीं आयुषी ने अपने अधिकतम 417 किलोग्राम वजन के रिकार्ड को भी तोड़ते हुए नया मुकाम हासिल किया है।
आयुषी का कहना है कि उनकी इस सफलता के पीछे तीन साल से चल रही कड़ी मेहनत और कोच शैलेंद्र एडविन का मार्गदर्शन है। वहीं अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीतने के बाद आयुषी का लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप (World Championships) और कामन वेल्थ गेम्स (common wealth games) में देश को स्वर्ण पदक दिलाना है। इसकी तैयारी में वे सागर लौटते ही जुट जाएंगी।
रोज तय करती थीं 160 किमी का सफर
आयुषी बताती हैं कि उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए तीन साल पहले जिम ज्वाइन किया था। इसी दौरान इन्हें पावर लिफ्टिंग खेल के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद आयुषी का रुझान इस खेल की ओर बढ़ा। शुरुआत में जिला स्तरीय और संभाग स्तरीय खेलों (District level division level games) में सफलता भी हासिल हुई, लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी के लिए सागर में सुविधाओं का अभाव था। इसके बाद उन्होंने सागर से 80 किमी दूर बीना में रहने वाले कोच शैलेंद्र एडविन से संपर्क किया और वे आयुषी को प्रैक्टिस कराने के लिार तैयार हो गए, लेकिन इसके लिए आयुषी को हर दिन सागर से बीना और बीना से सागर करीब 160 किमी का सफर तय करना होता था। आयुषी को दिन रात को मेहनत का नतीजा है कि उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है।
सन्दर्भ स्रोत : नवदुनिया
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