छाया: साई मीडिया के ट्विटर अकाउंट से
भोपाल। नेशनल एलीट महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वे चोटिल हो गईं थीं। डॉक्टर ने उन्हें खेलने से मना कर दिया लेकिन वे नहीं मानीं. इलाज कराया और फाइनल खेला। हालांकि वे हार गईं और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत तो जता ही दी। अब उन्हें विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता के लिए चुना गया है।10 दिन पहले ही वे बुल्गारिया में इंटरनेशनल महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर लौटीं हैं। मप्र बॉक्सिंग अकादमी के कोच रोशनलाल से इस खेल का प्रशिक्षण लेने वाली इस खिलाड़ी का चयन इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन की ओर से दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए किया गया है। वे भारतीय टीम का हिस्सा बनी हैं। श्रुति यादव 70 किग्रा भार वर्ग में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।
श्रुति को बचपन में उनके पिता ने मुक्केबाजी सीखने के लिए कहा था। तब चोट लगती थी तो मां खेलने से मना कर देती थीं लेकिन उनका प्रदर्शन देखकर मां भी उन्हें प्रोत्साहित करने लगीं। अपने अंतरर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2015 जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग से की थी। मुक्केबाजी की स्पर्द्धाओं में श्रुति ने अब तक छह पदक जीते हैं। वे 2015 में चीनी ताइपे में हुए जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेल चुकी हैं। इस खिलाड़ी ने इससे पूर्व बुल्गारिया में 74 वीं अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। बुल्गारिया में श्रुति ने अपने इंटरनेशनल करियर का चौथा पदक जीता। इससे पहले उन्होंने एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे।
सन्दर्भ स्रोत - पत्रिका
संपादन – मीडियाटिक डेस्क
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