जन्म दिनांक : 4 सितम्बर, जन्म स्थान: भोपाल
माता: श्रीमती महज़बीन खान, पिता: श्री अज़ीज़ मोहम्मद खान
शिक्षा: एम.ए (फाइन आर्ट्स),
व्यवसाय: स्वतंत्र कलाकार
करियर यात्रा : बचपन से ही पेंटिंग में विशेष रुचि थी. स्कूल में भोजन अवकाश में जब सभी बच्चे मस्ती किया करते, नवाब जहां अपने आसपास की प्रकृति को निहारती रहतीं. बचपन से मन में कैद इन दृश्यों को जब उन्होंने कैनवास पर उतारना शुरू किया तो धीरे धीरे एक कलाकार ने जन्म लिया और फिर यही जुनून पेशा बन गया. उन्होंने कॉलेज अध्यापन के दौरान कई कला और चित्रकला प्रतियोगिताएं जीतीं. 2016-17 से सोशल मीडिया पर अपनी बनाई कलाकृतियां पोस्ट करना शुरू किया. आज उनकी बनाई पेंटिंग्स की देश ही नहीं, विदेशों में भी खासी मांग है. मुम्बई की आर्ट गैलरी से लेकर अबू धाबी के फरारी वर्ल्ड और मालदीव के रिसॉर्ट्स तक अपनी कला का कौशल दिखा चुकीं नवाब जहाँ को पहली अंतरराष्ट्रीय पहचान तब मिली, जब उन्हें वर्ष 2019 में फेरारी पेंटिंग के लिए फेरारी वर्ल्ड अबू धाबी द्वारा आमंत्रित किया गया. वहां उनकी पेंटिंग प्रदर्शित की गई थी.
उपलब्धियां/पुरस्कार\
• हिन्दी, उर्दू व इंग्लिश सहित 30 से अधिक भाषाओं में कैलीग्राफी
• चाकू से गोल्ड आर्ट वर्क में पेंटिंग करने में महारत हासिल
• पेंटिंग में 24 कैरेट असली सोने का उपयोग करने का विश्व रिकॉर्ड. गोल्ड माइन शीर्षक से तैयार इस पेंटिंग को हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया.
• फेरारी वर्ल्ड अबू धाबी (दुनिया में फरारी का इकलौता अम्यूजमेंट पार्क) में उन्हें खासतौर पर आमंत्रित किया गया
चित्र प्रदर्शनियां
• अभी तक गोवा मुंबई सहित देश-विदेश की अनेक प्रदर्शनियों में भाग ले चुकी हैं
• भोपाल हवाई अड्डा, ताज लेक फ्रंट, मालदीव के रिसॉर्ट्स, फेरारी वर्ल्ड अबू धाबी और सीमरोज़ा आर्ट गैलरी मुंबई आदि स्थानों पर पेंटिंग्स प्रदर्शित
• भारत के लगभग हर राज्य के अलावा यूएई, ओमान, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, मालदीव, दुबई आदि देशों में नवाब जहां की पेंटिंग्स खरीदी गई हैं.
सम्मान
• मध्य प्रदेश की जनजातीय कला को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री और भोपाल के महापौर द्वारा योद्धा पुरस्कार से सम्मानित (2022)
विदेश यात्रा : यूके, यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर आदि.
रुचियां : भिन्न-भिन्न भाषाओं में कैलीग्राफ़ी करना, जनजातीय कला पर असली सोने से पेंटिंग बनाना.
अन्य जानकारी: आमतौर पर जब कैलीग्राफी और पेंटिंग की बात आती है, तो लोग ब्रश और रंगों के बारे में बात करते हैं, लेकिन नवाब जहाँ की खासियत यह है कि वे ब्रश के बजाय चाकू का इस्तेमाल करती हैं और पेंटिंग में असली सोने का इस्तेमाल करती हैं. पिकासो, लियोनार्डो दा विंची उनके आदर्श हैं.
उनका हर चित्र पर्यावरण, पानी, जलवायु और ऊर्जा बचाने का संदेश देता है. इतना ही नहीं, पेंटिंग के माध्यम से विलुप्त हो रहे गोंड आर्ट को बचाने हेतु प्रयासरत हैं. वे शहर की ज़रुरतमन्द लड़कियों को निशुल्क पेंटिंग सिखा रही हैं, ताकि वे कला के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें.
मुंबई-नेहरू सेंटर में पेंटिंग प्रदर्शनी में अनेक बॉलीवुड और ओटीटी अभिनेताओं ने दौरा किया. जहाँ उनकी पेंटिंग को अभिनेत्री अनीता राज ने प्रमुखता से सराहा.
मुंबई में अंजुमन इस्लाम स्कूल द्वारा कैलीग्राफी आर्ट पर कला कार्यशाला सहित भोपाल में कई स्कूलों और संगठनों द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित.