जन्म: 15 मार्च, स्थान: झाबुआ.
माता: श्रीमती पूनी बाई. पिता: श्री सुकिया गणावा.
जीवन साथी: श्री पांगला अमलियार. संतान: पुत्र- 03, पुत्री-01.
शिक्षा: साक्षर. व्यवसाय: पेंटिंग. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में सेवाएं जारी.
करियर यात्रा: बचपन से ही त्योहारों के दौरान काम करते हुए परिजनों से पेंटिंग सीखी. प्रारम्भ में दीवारों और फर्श पर जानवरों-पेड़ों के चित्र उकेरा करती थीं. धीरे-धीरे कैनवास पर पेंटिंग बनाना शुरू किया.
उपलब्धियां/पुरस्कार
प्रदर्शनियां
• राष्ट्रीय ललित कला केंद्र खजुराहो (2005)
• ललित कला केरल अकादमी त्रिशूर एवं फाइन आर्ट कॉलेज त्रिशूर केरल (अगस्त 2007 एवं अगस्त 08)
• दरबार हाल आर्ट गैलरी केरला शिविर (2009)
• त्रिशूर केरला में चित्र प्रदर्शनी (2009)
• कला मंडल गैलरी धाड़वाड कर्नाटक (2011)
• साउथ सेंटर जैन कल्चर नागपुर (2011)
• इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल (अगस्त 2011, जून 2012)
• क्राफ्ट म्यूजियम दिल्ली (2012)
• ललित कला एर्नाकुलम केरल (2013) चैन्नई (13-14),
• भारत भवन, भोपाल (फरवरी 2014)
• नागालैंड (2015)
• उज्जैन सिंहस्थ (2016)
• ओजस आर्ट नई दिल्ली (2016) आदि स्थानों पर प्रदर्शनियां आयोजित व शिविरों में शिरकत
• केरल छतीसगढ़, म.प्र. सहित देश के अनेक हिस्सों में चित्र कृतियां सम्मानित.
रुचियां: पेंटिंग.
अन्य जानकारी: इनकी पेंटिंग का विषय गोहारी (मवेशी त्यौहार), गटला (मृतकों का स्मारक) और आदिवासी जीवनशैली के बारे में अधिक है. चित्रकारी के पसंदीदा विषय हिरण, मोर और विवाह समारोह आदि हैं.