डॉ. नेहा कोकरे 

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डॉ. नेहा कोकरे 

​​​​​​​ mukatineha@gmail.com 

2024-02-05 09:34:21

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जन्म दिनांक: 26 मार्च, जन्म  स्थान: इंदौर,

 

माता: श्रीमती रंजना मुकाती, पिता: श्री ओमप्रकाश मुकाती.

 

जीवन साथी: श्री मिलिंद कोकरे. सन्तान: पुत्र -01.

 

शिक्षा: बी.ए. (फाइन आर्ट्स), एम.ए (कथक नृत्य, प्रथम श्रेणी- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय), पीएचडी (कथक- डॉ. सुचित्रा हरमलकर जी के निर्देशन में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़).

 

व्यवसाय: संस्थापिका -कथक कुंज/कथक शिक्षक/संचालिका- अनुष्ठान कला मंच.

 

करियर यात्रा: वर्ष 2008 से वर्ष 2010 तक दिल्ली के श्रीराम भारतीय कला केंद्र में बैले आर्टिस्ट, वर्ष 2010 से 2013 प्रोग्रेसिव एजुकेशन, इंदौर, वर्ष 2014 से 2015 तक सत्य साईं विद्या विहार, विद्यालय इंदौर, 2019 से 2020 एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल में कथक शिक्षक के रूप में कार्य किया. वर्तमान में कथक कुंज के माध्यम से युवा कलाकारों को कथक नृत्य की शिक्षा प्रदान कर रही हैं.

 

उपलब्धियां/सम्मान

• म.प्र. शासन द्वारा ‘शिखर सम्मान’.  

• एकल व समूह नृत्य प्रस्तुति: माण्डव उत्सव-माण्डव (2005), मालवा उत्सव-इंदौर (2007,08, 2012), भोज महोत्सव-धार (2007), भारत भवन-भोपाल (2007), ग्लोबल मीट-इंदौर (2007), श्रीराम भारतीय कला केंद्र-दिल्ली (2008), रविंद्र नाट्य गृह-इंदौर (महाराष्ट्र साहित्य सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम), कालिदास समारोह-उज्जैन (2012), शिल्प महोत्सव-भोपाल (2019), चक्रधर समारोह (डिजिटल मंच-2020), इंदौर पब्लिक स्कूल-इंदौर (2020), स्वरयोग कला केंद्र-इंदौर (2020), युवा उत्सव प्रतियोगिता में समूह व एकल नृत्य में प्रस्तुतियां, भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित ‘कृष्णायन’, ‘'रामायण’, ‘'दुर्गा’, ‘मीरा’ आदि नृत्य नाटिकाओं में प्रमुख नृत्यांगना के तौर पर प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति. विद्यालयीन सांस्कृतिक कार्यक्रम व कई राज्य स्तरीय अंतर्विद्यालयीन नृत्य प्रतियोगिताओं में डॉ. नेहा कोकरे प्रथम स्थान से विजेता.

 

रुचियां: चित्रकला व गायन.

 

अन्य जानकारी: दिल्ली में गुरु  शशिधरन आचार्य जी (त्रिवेणी संगम 2008/2009) से छाऊ नृत्य की शिक्षा प्राप्त की. विगत 20 वर्षों से रायगढ़ घराने की वरिष्ठ नृत्यांगना. गुरु डॉ. सुचित्रा हरमलकर द्वारा निर्देशित कई नृत्य नाटिकाओं (‘नवल रंगीली गाथा रघुनंदन की’, ‘अमृतस्य नर्मदा’ व नारी शक्ति पर आधारित ‘अनुकृति’ आदि) में प्रमुख भूमिका में नृत्य प्रस्तुति. वर्तमान में डॉ. सुचित्रा हरमलकर जी से कथक नृत्य शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. युवा उत्सव में राज्य स्तरीय शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता में दो वर्षों तक निर्णायक के रूप में उपस्थित. शासकीय महाविद्यालयों में शास्त्रीय नृत्य कार्यशालाओं का आयोजन. अनुष्ठान कला मंच द्वारा शास्त्रीय युवा कलाकारों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.