पूर्णिमा राजपुरा 

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पूर्णिमा

पूर्णिमा राजपुरा 

rajpurap54@gmail.com

2023-11-23 07:10:24

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जन्म दिनांक : 5 दिसंबर, जन्म स्थान: इंदौर.

 

माता: श्रीमती प्रभा उपाध्याय, पिता: श्री राजेश उपाध्याय. 

 

जीवन साथी: श्री विठ्ठल कुमार राजपुरा. सन्तान: पुत्र -01.

 

शिक्षा: एम.ए. (संगीत) देवी अहिल्या वि.वि., संगीत विशारद (गायन एवं वायलिन वादन) गांधर्व महाविद्यालय, संगीतविद राजा मानसिंह तोमर वि.वि.,ग्वालियर, पीएचडी (संगीत) अध्ययनरत.

 

व्यवसाय: संगीत शिक्षिका.

 

करियर यात्रा: गुरुकुल स्कूल धामनोद में वर्ष 2010 सर वर्ष 2015 संगीत शिक्षिका, तत्पश्चात वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक श्री सत्य साईं विद्या विहार इंदौर में संगीत शिक्षिका के पद पर कार्य किया. वर्तमान में सा रे गा मा संगीत महाविद्यालय की वायलिन फैकल्टी तथा वर्ष वर्ष 2020 से जवाहर नवोदय विद्यालय, चारूवा, जिला हरदा में संगीत शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं तथा मंचीय प्रस्तुतियां जारी.

 

उपलब्धियां/सम्मान

• बी.ए में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार स्वरूप देवी अहिल्या वि.वि.द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त. तत्पश्चात संगीत (वायलिन) में एम.ए में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान करने पर दो स्वर्ण पदक प्राप्त.

•  अन्ना हजारे जी के हाथों दैनिक भास्कर मध्यप्रदेश प्राइड अवार्ड

•  निमाड़ प्रतिभा अवार्ड, रेडियो मिर्ची 93.4 एफएम द्वारा सम्मानित

•  श्री विशा श्रीमाणी सोनी समाज द्वारा समाज रत्न पुरस्कार से सम्मानित

• विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय युवा उत्सव प्रतियोगिता में प्रथम स्थान

• राज्य स्तरीय बाल रंग महोत्सव प्रतियोगिता में विद्यालय में दो वाद्य कांगो और माउथ ऑर्गन को एक साथ बजाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया.

 

मंचीय प्रस्तुतियां

•  साधन उत्सव दिल्ली (पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज की संस्था कलाश्रम द्वारा आयोजित) (2019), पं. ओमकारनाथ ठाकुर स्मृति संगीत समारोह (2020-गुजरात राज्य संगीत नाटक अकादमी द्वारा पोरबंदर, जूनागढ़ एवं अहमदाबाद में आयोजित), चक्रधर संगीत समारोह छग (डिजिटल स्टेज पर वायलिन वादन 2020), उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा आयोजित गमक श्रृंखला के अंतर्गत पखावज के साथ वायलिन की प्रस्तुति (2021), श्री सप्तमेश उत्सव हेमू गढ़वी हॉल-राजकोट, वायलिन सप्तक, भारत भवन-भोपाल, उत्तराधिकार श्रृंखला वायलिन जुगलबंदी, जनजातीय संग्रहालय- भोपाल, महाकाल महोत्सव-उज्जैन, त्रिवेणी संग्रहालय, सिंहस्थ 2016- उज्जैन, नदी उत्सव रविन्द्र नाट्य गृह, जाल सभागृह, गणेश उत्सव  इंदौर का राजा में पंचनाद में वायलिन वादन, ओशो ध्यान केन्द्र, श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर, श्री सत्य साईं विद्या विहार आडिटोरियम, श्री शनैश्चर संगीत समारोह, मल्हार उत्सव, (सभी इंदौर), युवा उत्सव- डॉ हरिसिंह गौर केन्द्रीय वि.वि, सागर, बाबा साहेब अम्बेडकर वि.वि.-औरंगाबाद, जीवाजी राव वि.वि - ग्वालियर आदि कई संगीत समारोहों में एकल वादन तथा संगतकार के रूप में वायलिन वादन की प्रस्तुतियां.

 

रुचियां: कुकिंग, बैडमिंटन खेलना, नए-नए संगीत वाद्य बजाना.

 

अन्य जानकारी

बाल्यकाल से ही संगीत में रुचि रही. संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पिता श्री राजेश उपाध्याय (जो इंदौर के जाने-माने संगीत शिक्षक थे) से प्राप्त की. कक्षा 11वीं और 12वीं में संगीत के गायन विषय के साथ संगीत की शुरुआत. बी.ए. में संगीत (वायलिन) विषय लेकर वायलिन वादन को अपना लक्ष्य बनाया. कई सारे संगीत वाद्य (जैसे हारमोनियम, कांगो, ढोलक, तबला, माउथ ऑर्गन वायलिन, बैंड के ड्रम, बांसुरी, पियानो) बजाने में महारत हासिल. मप्र राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक पद के लिए आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण.