रागिनी सुधाकर देवले

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रागिनी सुधाकर देवले

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2024-02-26 06:07:55

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जन्म दिनांक: 30 मई, जन्म स्थान: कोरबा (छग). 

 

माता: श्रीमती संध्या देवले,  पिता: श्री सुधाकर देवले. 

 

शिक्षा: एम.ए. (संगीत). 

 

व्यवसाय: कलाकार (शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत). 

 

करियर यात्रा: पहली बार वर्ष 2006 में लता अलंकरण प्रतियोगिताइंदौर में भाग लिया था और प्रथम स्थान प्राप्त कर 10 हजार रुपए की राशि प्राप्त की. यहीं से करियर की शुरुआत हुई. इसके बाद मंच पर रायपुर में पहली प्रस्तुति बार मंचीय प्रस्तुति के बाद देश के प्रतिष्ठित मंचों पर कार्यक्रमों का सिलसिला प्रारम्भ हुआ जो अनवरत जारी है. 

 

उपलब्धियां/सम्मान

• असंख्य इंटर-कॉलेज और इंटर-यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में अनेक पदकों के अलावा शास्त्रीय और उप शास्त्रीय श्रेणी में अखिल भारतीय रेडियो संगीत प्रतियोगिता की विजेता

• शास्त्रीय श्रेणी में बी हाई ग्रेडेड आकाशवाणी  संगीत कलाकार

• शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत (ख्याल गायन) के क्षेत्र में संस्कृति मंत्रालय द्वारा वरिष्ठ राष्ट्रीय छात्रवृत्ति से सम्मानित. 

•  ऑल इंडिया रेडियो म्यूजिक कॉम्पटीशन, (शास्त्रीय संगीत- 2016), (उप शास्त्रीय संगीत -2018) प्रथम स्थान

•  राज्य स्तरीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह (जूनियर ग्रुप) इंदौर- प्रथम स्थान, राज्य स्तरीय यूथ फेस्टिवलभोपाल- प्रथम स्थान
•  राष्ट्रीय स्तर यूथ फेस्टिवल रायपुर- फर्स्ट रनर अप

• पंडित भातखण्डे स्मृति समारोह उज्जैन- प्रथम स्थान

•  अखिल भारतीय प्रतिभा पुरस्कारदिल्ली- प्रथम स्थान

•  बाबा हरिवल्लभ संगीत प्रतियोगिताजालंधर- प्रथम स्थान

 

प्रस्तुतियां 

•  पं. जितेंद्र अभिषेकी संगीत समारोह-पुणे एवं उज्जैन

•  एनसीपीए-मुंबई

• रामाश्रय झा रामरंग जयंती संगीत समारोह-वाराणसी

• पं. सवाई गंधर्व संगीत समारोह-हुबली (कर्नाटक)

•  रागायन-ग्वालियर

•  पं. तुलसीराम देवांगन समारोह-रायपुर,

• नवांकुर संगीत महोत्सव-खैरागढ़ (छग),

• आरंभ-भारत भवन-भोपाल

•  गायन पर्व- भारत भवन-भोपाल. 

सम्मान
•  कला गौरव सम्मान-उज्जैन

•  अभिनव कला परिषद भोपाल द्वारा युवा खोज 'कल के कलाकार’ सम्मान सहित अनेक सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त. 

 

रुचियां: किताबें पढ़ना, बेडमिंटन खेलना, सभी तरह का संगीत सुनना. 

 

अन्य जानकारी: 10 वर्ष की उम्र से पंडित सुधाकर देवले के कुशल मार्गदर्शन में गुरु शिष्य परंपरा के तहत जयपुरआगरा और ग्वालियर घराना गायकी का प्रशिक्षण. साथ ही पं. प्रभाकर देवले से टप्पा गायकी भी सीख रही हैं. रागिनी के प्रदर्शन में न केवल शास्त्रीय संगीत बल्कि संगीत के अन्य पहलू जैसे टप्पा, ठुमरी, हिंदी और मराठी भजन आदि शामिल हैं.