जन्म दिनांक: 12 जुलाई, जन्म स्थान: ग्वालियर
माता: श्रीमती स्नेहलता कोठारी, पिता: श्री निर्मल कोठारी
जीवन साथी: श्री वर्धमान मेहता
संतान: पुत्र- 01, पुत्री- 01.
शिक्षा: बीएससी, बी.एड, एम.ए., एलएलबी, एमबीए, एम.फ़िल, पीएचडी (समाजशास्त्र- विषय: ‘महिला अधिकारिता में शिक्षा की भूमिका’)
व्यवसाय: संस्थापक सचिव- SENSED (एनजीओ), संपादक/सह प्रकाशक-'द कार्मिक पोस्ट', संस्थापक निदेशक- ग्लोबल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस-ओबेदुल्लागंज, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, पत्रकार
करियर यात्रा: शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों में (टीवी धारावाहिक, वीडियो प्ले, नाटक, फ्रेंच लैंग्वेज, फैशन डिजाइनिंग) में सक्रिय रहीं. एक शिक्षक के रूप में कार्य की शुरुआत कुछ दिन बाद प्राचार्य का दायित्व भी संभाला.
आईपीएस ग्रुप, ग्वालियर के इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर प्रशासनिक अधिकारी शुरुआत, फिर पूरे ग्रुप की सहायक निदेशक, उसके बाद ग्वालियर हाईकोर्ट में क्रिमिनल लॉयर की प्रैक्टिस करते हुए पैनल लॉयर बनाई गईं. इसके साथ साथ लॉ वीकली मैगज़ीन में बतौर सहायक सम्पादक कार्य किया. ग्वालियर से इंदौर स्थानान्तरण के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र में कार्य किया.
क्वालिटी काउन्सिल ऑफ़ इंडिया (QCI) में विशेषज्ञ (सामाजिक-आर्थिक) के रूप में चयनित. इस दायित्व का निर्वहन करने के बाद नई दिल्ली से गजट नोटिफिकेशन द्वारा, मप्र सरकार की MP-SEAC समिति में सदस्य के रूप में चयन होने के बाद दो कार्यकाल पूरे किए.
इन सभी कार्यों के साथ वर्ष 2011 में एक स्वयंसेवी संस्था – SENSED की स्थापना. वर्ष 2015 में पर्यावरण केंद्रित साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द कार्मिक पोस्ट’ और वर्ष 2018 में औबेदुल्लागंज में एक सीबीएसई स्कूल ‘ग्लोबल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ शुरू किया.
उपलब्धियां/सम्मान :
प्रकाशन - पुस्तक ‘सफलता के सोपान : अवचेतन मन की शक्ति से तन और मन का सम्बन्ध परस्पर है
• सामाजिक कार्यों के लिए 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' प्राप्त (2014)
• जनपरिषद भोपाल द्वारा माँ प्रभा देवी सम्मान (2021)
• जूनियर चैंबर जे.सी.आई., ग्वालियर द्वारा आउटस्टैंडिंग विमेन ऑफ़ दि इयर अवार्ड (2009)
• देवार्थ फाउंडेशन, इंदौर द्वारा कन्वर्जेंट थिंकर अवार्ड (2021)
• 1989 में दूरदर्शन पर प्रसारित टीवी धारावाहिक ‘नीव’ में अभिनय.
• संकल्पना- डीडी किसान पर प्रसारित धारावाहिक ‘पुरवाई: एक आशा’
• यूजीसी द्वारा निर्मित वन्य जीवन पर एक वृत्तचित्र में सहायक निदेशक और नैरेटर के रूप में कार्य किया
विदेश यात्रा: यूरोप, नेपाल, भूटान एवं चीन
रुचियां: पढ़ना, देश-विदेश घूमना एवं लोगों से मिलना-जुलना
अन्य जानकारी :
पुस्तक ‘सफलता के सोपान' दो भाषाओं में पॉडकास्ट पर भी उपलब्ध.
U.G.C (सरकार भारत) में एड-हॉक लेक्चरर के रूप में गेस्ट फैकल्टी, एनवायरमेंटल प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन (EPCO) (मप्र सरकार) में विजिटिंग फैकल्टी के अलावा मप्र शासन की तकनीकी समिति तथा मॉनिटरिंग कमेटी ऑफ़ वनविहार नेशनल ईको पार्क में सदस्य.
सामाजिक-पर्यावरण कार्य- रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाकर 2 पंचायतों के 7 गांवों में 200 से अधिक घरों के 1200 लोगों को बीच जागरूकता सन्देश.
पौधारोपण को लेकर युवाओं को जागरूक करने विभिन्न शहरों में 3 राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता सेमिनार आयोजित किए. पिछले चार वर्षों से हर साल जून-जुलाई के दौरान वृक्षारोपण अभियान चलाया गया परिणाम स्वरूप झाबुआ जिले में 5000 से अधिक पौधे/पौधे लगाए गए.
जैविक कृषि के लाभों के बारे में किसानों जागरूक करने हेतु जैविक कृषि पर दो कार्यशालाएं आयोजित.
ओबेदुल्लागंज क्षेत्र में एक कूड़ाघर की सफाई करवा कर उसे खेल के मैदान के रूप में तब्दील किया.
मोहल्ला कौशल विकास केंद्र के माध्यम से 400 से अधिक महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण (अचार बनाना, सिलाई करना, ब्यूटी पार्लर, मेहंदी और अन्य) देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा. आज औबेदुल्लागंज में संस्था द्वारा कई प्रशिक्षित महिलाएं माह का औसतन 6000 से 8000 रुपये तक कमा लेती हैं
घाटीगांव (मध्य प्रदेश) के दो गांवों में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ बालिकाओं को बचाने के लिए "सेव गर्ल चाइल्ड" कार्यक्रम के तहत रैलियां और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन.